For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चुनकर संसद भेजते, उठें उचित सवाल।

चुनकर संसद भेजते, उठें उचित सवाल।

साँसद संसद रोक के, करते वहाँ धमाल॥

निज कर्मों के साथ ही, याद रहे प्रभु  नाम। 

ईश कृपा जब तो मिले, बनते सारे काम॥

करे कमाई जिस तरह, वैसा रहे प्रभाव ।

अर्जित धन अनुचित सदा, देता रहता घाव॥  

न व्यक्तित्व हो एक सा,  अंतर होता मीत।

विचार जिससे जब मिले, जग जाती तब प्रीत॥

दो छोटों की बात पर, आप हमेशा ध्यान।

उनके कथनो में मिले, कभी अनूठा ज्ञान॥

छूट लूट का लाभ तो, सभी उठाते लोग।­­­­­

ऐसी ही हालत रही, बढ़ सकता है रोग॥­­­­­­­ 

मुस्काई जाकर निकट, मटका दोनों नैन।

समझा प्रियतम को गई, बिन बोले दे सैन॥

मिले सफलता एक दिन, रोज करें  अभ्यास।

उसके बिन होता कठिन, भले ज्ञान है पास॥

य व का तो करना नहीं, कभी विकल्प प्रयोग।

स्वर होता उच्चरित यदि, हो स्वर का संयोग॥

बेटों की मजबूरियाँ, भी समझें माँ बाप।

करे मेहनत वे बहुत, झेले कितने ताप॥

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 532

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Om Parkash Sharma on September 2, 2021 at 1:31pm

आदरणीय  Saurabh Pandey जी नमस्कार व उत्साहवर्धन तथा मार्गदर्शन के लिए आभार ।

Comment by Om Parkash Sharma on September 2, 2021 at 1:28pm

बृजेश कुमार 'ब्रज' जी दोहे पढ़ने और उस पर प्रतिक्रिया  देने के लिए धन्यवाद। 'बिन बोले दे सैन'  से अभिप्राय कुछ भी कहे बिना इशारे से समझाना। नायिका नाक के निकट आ  मुस्कुराई, नेत्र मटका कर इशारा किया, मुँह से एक श्बद भी बोले बिना  जो उसे कहना था इशारों  ही ही इशारों बता कर चली गई। शेष दोहे के बारे मेन भी भी आप पूछ सकते हैं।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 26, 2021 at 8:21pm

बढ़िया दोहे लगे आदरणीय शर्मा जी...कुछ दोहे समझ नहीं आये जैसे "बिन बोले दो सैन" का क्या अर्थ हुआ?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 23, 2021 at 12:36pm

आपके प्रयास हेतु हार्दिक शुभकामनाएँ, आदरणीय. 

दोहा छंद पर आप सार्थक प्रयास करें, आपके दोहे विधानसम्मत हो जाएँगे. 

शुभातिशुभ

Comment by Samar kabeer on August 16, 2021 at 3:10pm

जनाब ओमप्रकाश जी आदाब, दोहों पर आपका प्रयास अच्छा है,लेकिन अभी आपको इसके विधान का अध्यन करने की ज़रूरत है, ओबीओ पर इस पर आलेख मौजूद हैं,उनका लाभ लें, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
3 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
15 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
17 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Euphonic Amit जी, ख़ूब ग़ज़ल हुई, बधाई आपको।  "आप के तसव्वुर में एक बार खो जाए फिर क़लम…"
22 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
27 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें भाई चारा का सही वज्न 2122 या 2222 है ? "
29 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें सातवाँ थोड़ा मरम्मत चाहता है"
33 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत ख़ूब। समझदार को इशारा काफ़ी। आप अच्छा लिखते हैं और जल्दी सीखते हैं। शुभकामनाएँ"
35 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बारीकी से इस्लाह व ज़र्रा-नवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया आ इक नज़र ही काफी है आतिश-ए-महब्बत…"
45 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service