For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आशंका :,,,,,,,,,
वृक्ष की सबसे ऊँची टहनी पर
एक लम्बी चोंच वाला पक्षी
चुपचाप
अपनी आँखें बन्द किये
अपने धवल पंख समेटे हुए
शायद किसी तपस्या में लीन था
जाने किस ने
उसकी तपस्या में विघ्न डाला
कि खुल गया
उसका बन्द नेत्र
नेत्रों में क्रोध की लालिमा
शून्य को भेदता
पंखों का तांडव
तड़प गई
सैकड़ों मछलियाँ
सामने के तालाब में
अनजानी
आशंका से
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 534

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on February 7, 2021 at 2:56pm

आदरणीय   लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on February 7, 2021 at 2:55pm

आदरणीय   अमीरुद्दीन 'अमीर' जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on February 7, 2021 at 2:55pm

आदरणीय  Krish mishra 'jaan' gorakhpuri जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on February 7, 2021 at 2:54pm

आदरणीय समर कबीर साहिब , आदाब , सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 31, 2021 at 4:26pm

आ. भाई सुशील जी सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई । 

Comment by Samar kabeer on January 30, 2021 at 5:57pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on January 30, 2021 at 10:30am

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है बधाई स्वीकार करें। सादर। 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on January 29, 2021 at 6:49pm

आ. सुशील सरन जी रचना का सार तो समझ नहीं सका, लेकिन आपने चित्रण बखूबी किया है, दृश्य जीवंत हो गया। हार्दिक बधाई,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service