For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

21.8.20

एकाकी मन........ 

झूठ है
एकांत में
सिर्फ एकांत होता है
एकाकी मन
वहीं शांत होता है
थक जाता है ये एकाकी मन
ज़िंदगी के जालों को
सुलझाते सुलझाते
अनकहे अहसासों को
दबाते दबाते
भावनाओं की गठरी को
उठाते उठाते
अंधेरों की स्याह चादर में
अपने ही साये
एकाकीपन की देह को
नोचते नज़र आते हैं
सच तो ये है
एकांत में अनचाहे बवंडर
एकाकी मन के
एकाकीपन को लील जाते हैं

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 479

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on August 26, 2020 at 8:34pm

आदरणीय आशीष यादव जी सृजन पर आपकी हृदयग्राही प्रतिक्रिया का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by आशीष यादव on August 26, 2020 at 12:05am

बिल्कुल सच्चे भावों को इस कविता के माध्यम से आपने प्रकट किया है। इस अच्छी कविता पर बहुत बहुत बधाई।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2020 at 1:40pm
आदरणीय अमीरुद्दीन जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से शुक्रिया ।
Comment by Sushil Sarna on August 24, 2020 at 1:38pm
आदरणीय बृजेश जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।
Comment by Sushil Sarna on August 24, 2020 at 1:35pm
आदरणीय समर कबीर जी, आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।
Comment by Samar kabeer on August 22, 2020 at 6:34pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 22, 2020 at 10:10am

बढ़िया कविता आदरणीय सरना जी....

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on August 22, 2020 at 9:31am

आदरणीय सुशील सरना जी आदाब उत्तम विचारपूर्ण रचना हुई है बधाई स्वीकार करें। सादर। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service