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जरा याद उन्हें भी कर लो

"जरा याद उन्हें भी कर लो"

भारत मेरा देश है और
हिन्दी मातृभाषा है।
मैं भारत का प्रेमी हूं,
और प्रेम ही मेरी परिभाषा है।।

सत्य, अहिंसा और प्रेम के,
पथ का जिसने ज्ञान दिया।
करो या मरो का नारा भी,
उस वीर महान ने दिया।।

आज़ादी की खातिर "बोस" जी ,
जमकर करी लड़ाई थी।
खून के बदले आज़ादी की ,
आवाज भी "बोस" ने उठाई थी।।

क्रान्तिकारी "भगत सिंह" ने,
क्रान्ति खूब मचाई थी।
"इन्कलाब जिन्दाबाद" की ,
धूम खूब मचाई थी।।

"सारे जहां से अच्छा
हिन्दुस्तान हमारा है"।
"मोहम्मद इकबाल" की
देशभक्ति का प्यारा गाना है।।

स्वतंत्र देश की खातिर जो ,
प्राणों को न्योछावर कर गए।
ऐसे वीर शहीदों को तुम,
शत शत नमन कर लो।।

74 वें स्वतंत्रता दिवस पर ,
जरा याद उन्हें भी कर लो।

नीता तायल
" मौलिक और अप्रकाशित"

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Comment

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Comment by आशीष यादव on August 26, 2020 at 1:24am

सुंदर एवं सार्थक प्रयास। बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 19, 2020 at 5:25pm

सुन्दर कविता..बधाई आदरणीया

Comment by Samar kabeer on August 18, 2020 at 4:04pm

मुहतरमा नीता जी आदाब, सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

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