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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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dhanyavaad admin ji
Dushyant ji, namaskaar.

Nayee job ke liye aapko hardik badhayee. Hamari shubhkamna hai aap jeevan ke har kshetra mein nayee oochayeeyo ko par kare.
bahut bahut badhai ho dushyant jee.......ishwar se prarthana hai ki wo aapke upar isi tarah khusiyon ki barsaat karte rahen................
अभी अभी पता चला है कि आज आदरणीय बब्बन पाण्डेय जी कि शादी की सालगिरह है , ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के तरफ से मैं श्री / श्रीमती पाण्डेय को दीर्घ ,सफल वैवाहिक जीवन की कामना करता हू, बहुत बहुत बधाई बब्बन पाण्डेय जी,
shaadi ki saalgirah bahut bahut mubarak ho baban bhaiya.......

Baban Pandey ji ki shadi ke saalgirah par dhero badhayee.
मित्रों आज OBO के प्रधान संपादक आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर जी की शादी की सालगिरह है.

मै उन्हें दिल से मुबारक बाद देता हूँ.

"बना रहे यह जोड़ा तब तक जब तक सूरज चाँद
अधरों पर मुसकान विराजे कभी ना होवे मांद
यह परिवार हुआ उनके ही आने से आबाद
बना रहे अब हम जैसों पर उनका आशीर्वाद"

योगी सर आपको एक बार फिर से शादी की सालगिरह की कोटिशः बधाइयाँ.
राणा भाई, इस काव्यात्मक बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
सत्य होता है हर सपना जहाँ आकर,
कल्पना लेती है आकार जिन्हे छूकर,

बंद दरवाजे खुल जाते है जहाँ जाकर,
दुश्मन भी आते है उनसे हारकर ,

हम भी गर्वान्वित है जिन्हे पाकर ,
वो है OBO संपादक योगराज प्रभाकर ,

पर उनकी भी है एक कमजोरी भयंकर ,
बन्ध जाती घिघी जब सामने हो मिसेज प्रभाकर,
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OBO के प्रधान संपादक के १७ जुलाई १९८१ से लेकर अब तक के सफल वैवाहिक जीवन के लिये आज उनके २९ वें शादी की सालगिरह पर मेरे और पूरे ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के तरफ से कोटिश: बधाई और ईश्वर से आपकी लम्बी वैवाहिक जीवन के लिये हम सब प्रार्थना करते है|
अमर रहे आप दोनों का प्यार ,
ये दिन आता हैं जीवन में हर साल ,
रवि गुरु आप दोनों को देता बधाई ,
हर दम आता रहे अच्छा अच्छा ख्याल ,
आपकी छत्र छाया में हम तो चले ,
यु ही तो मिलता रहे आपका प्यार ,
भैया योगराज प्रभाकर आपके साथ भाभी जी को भी आज के दिन मुबारक हो ,

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
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"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
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