For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल(अश्क धोकर आदमी....)

2122  2122  2122
अश्क धोकर आदमी थकने लगा है
सोचता - अब और रोना तो बला है।1

गर्दिशों का दौर बढ़ता,देखिए तो
शोर का कुछ भाव ज्यादा ही चढ़ा है।2

गुम हुई - सी जा रही पहचान फिर से
जिंदगी जो दे,उसे मरना पड़ा है।3

डंस रहा जाहिल अंधेरा आदमी को,
क्यूं उजाला रेत बन धुंधला हुआ है?4

कोसते हैं लोग कुछ भगवान को भी
जब संजोई गांठ में विष ही भरा है।5

ख्वाब चकनाचूर, आंखें पूछती हैं --
देखने से भी मना किसने किया है?6

बोलना सच हो रहा मुश्किल यहां पर
'पीठ वैसी कर हवा जैसी', सुना है।7

सुर्खियों में हो गए शैतान सारे
आदमी के वास्ते क्या कुछ बचा है?8

'जिंदगी की पौध पनपाओ बशर तुम'
आ रही अब दूर से कोई सदा है।9

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 426

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on May 13, 2020 at 11:49am

आभार आदरणीय समर जी,नमन।प्रयास सत त जारी है।

Comment by Samar kabeer on May 13, 2020 at 11:44am

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Manan Kumar singh on May 13, 2020 at 11:17am

आभार आदरणीय लक्ष्मण जी।

Comment by Manan Kumar singh on May 13, 2020 at 11:17am

आभार आदरणीय तेजवीर जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 13, 2020 at 10:04am

आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन । उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई । 

Comment by TEJ VEER SINGH on May 11, 2020 at 11:47am

हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।बेहतरीन गज़ल।

सुर्खियों में हो गए शैतान सारे
आदमी के वास्ते क्या कुछ बचा है?8

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service