For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत-भावना में प्रेम का रस घोल प्यारे-रामबली गुप्ता

गीत

भावना में प्रेम का रस घोल प्यारे।
प्रेम जीवन में बड़ा अनमोल प्यारे।
भावना में.........

शब्द-शर मुख से निकल कर लौटते कब?
घाव ये गहरे करें हिय में लगें जब।
कर न दें आहत किसी को शब्द तेरे,
मृृदु मधुुुर मकरन्द वाणी बोल प्यारे।
भावना में ........

मत बड़ा छोटा किसी को मान जग में।
काम आ जाए भला कब कौन मग में?
स्नेह का सम्बन्ध ही सबसे उचित है,
तथ्य यह मन की तुला में तोल प्यारे।
भावना में........

क्यों मनुज ही, पशु-विहग को भी क्षुधा है।
स्नेह तो सबके लिए अनुपम सुधा है।
स्नेह के बस में सकल जग जगतपति भी,
स्नेह से हिय स्नेहनिधि का मोल प्यारे।
भावना में..........

है मनुज तू मनुजता का मान भी रख।
बंधु-बांधव के लिये सम्मान भी रख।
सौख्य देकर सौख्य ही प्रतिफल मिले औ'-
दुख मिटेंगे द्वार सुख के खोल प्यारे।
भावना में.........

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 675

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on February 21, 2018 at 11:40am

धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 21, 2018 at 8:19am

आ. भाई रामबली जी, सुंदर गीत हुआ है हार्दिक बधाई ।

Comment by रामबली गुप्ता on February 18, 2018 at 11:25pm

हृदय से आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on February 18, 2018 at 11:23pm

अनुपम सरस रचना हुई आदरणीय..सादर

Comment by रामबली गुप्ता on February 18, 2018 at 9:38pm

सादर आभार आदरणीया रक्षिता सिंह जी

Comment by रामबली गुप्ता on February 18, 2018 at 9:37pm

आदरणीय आरिफ़ जी हृदय से धन्यवाद

Comment by रक्षिता सिंह on February 18, 2018 at 12:43pm

आदरणीय रामबली जी ,

प्रेम व स्नेह पर केन्द्रित बहुत ही सुन्दर गीत।

हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on February 18, 2018 at 7:36am

आदरणीय राम बली गुप्ता जी आदाब,

                                सुंदर प्रेम की भावना से ओतप्रोत गीत । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
22 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service