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             तू तू मैं मैं 

पति पत्नीं में होता प्यार वेसुमार 

प्यार ही प्यार में होती तकरार

तकरार से संबंधों में आता निखार

तकरार से धुल जाता दिल का गुबार

प्राय: पति सदैव रहता खामोश

बस यदा कदा ही जताता आक्रोश

आपके कारण जिन्दगी मेरी नाश हो गई

हर बक्त तुम चुभने वाली फाँस हो गई

पल पल जलाती हो तुम मेरा खून

नहीं रहा जीवन में चैनोंसुकून

 खुशहाल जिन्दगी उदास हो गई

 खतम जीवन की मिठास हो गई

 होते ही शादी तुम झकाश हो गई .

पहले थी कैडबरी अब सल्फास हो गई

 प्रत्युत्तर  पत्नी का  .....

हाय दईया , तुम से बंध के मेरे फूटे करम

 फिर भी निभा रही हूँ पत्नी धरम

 दूसरी आपके साथ न करती गुजारा

 लेकर तलाक करती किनारा

तुम्हे पसंद करके मेरी मति थी मारी

 अच्छा होता मैं रहती कुवांरी

उस समय मुझ पर चल रही थी शनि की दशा

शनि ने ही दी है मुझको सजा

प्रस्थान करती है फिर वो कोप भवन में

वीरानी छा जाती है खिले चमन में

यही है सच्चा पति पत्नी का प्रेम

 दोनों का सबसे फेवरेट गेम .

 Dr Ajay Khare Aahat 

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Comment

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Comment by Dr.Ajay Khare on February 8, 2013 at 11:28am

sabhi atmiyjano ko sadhubaad asha he aap isi tarah hosla afjai karte rahege dhnyabaad

Comment by vijay nikore on February 8, 2013 at 7:04am

क्या कहने !

 

तुम्हे पसंद करके मेरी मति थी मारी

अच्छा होता मैं रहती कुवांरी

 

अति रोचक प्रस्तुति।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2013 at 11:30pm

वो कालजयी मकबूल कव्वाली याद आगयी..   बड़ा लुत्फ़ था जब कुँवारे थे हम तुम, सुनोजी..   .... :-))))

Comment by MAHIMA SHREE on February 7, 2013 at 10:00pm

बहुत ही मजेदार ...बधाई आपको


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 7, 2013 at 8:51pm

पहले थी कैडबरी अब सल्फास हो गई.......हाहाहा \

यही है सच्चा पति पत्नी का प्रेम

 दोनों का सबसे फेवरेट गेम .................क्या बात है....हाहाहा

हार्दिक बधाई 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 7, 2013 at 8:23pm

हा हा हा बहुत सुन्दर सर जी .....................नोंक झोंक बहुत बहुत बधाई हो आदरणीय सर जी

Comment by Aarti Sharma on February 7, 2013 at 7:51pm

 होते ही शादी तुम झकाश हो गई .

पहले थी कैडबरी अब सल्फास हो गई.....

बहुत खूब अजय जी...बधाई स्वीकारें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 7, 2013 at 7:21pm

फेवरेट गेम हहहाहा हा सही कहा फिर बरसात के बाद ही इंद्र धनुष निकलता है बहुत बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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