For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (अय्यूब खान "बिस्मिल")

कर दिया आम मिरे इश्क़ का चर्चा देखो
देखो ज़ालिम कि मुहब्बत का तरीक़ा देखो

याद करना कि मिरे दर्द कि शिद्दत क्या थी
खुद को ज़र्रों में कभी तुम जो बिखरता देखो

खूं तमन्ना का मुसलसल यहाँ बहता है अब
मेरी आँखों में है इक दर्द का दरिया देखो

यूँ सुना है कि वो नादिम है जफ़ा पे अपनी
उसके चेहरे पे जफाओं का पसीना देखो

अपने हाथों से सजाके में करूँगा रुखसत
कर लिया है मेने पत्थर का कलेजा देखो

ये हिना सुर्ख ज़रा और भी हो जायेगी
डालके क़तरा जो इक मैरें लहू का देखो

अपने बिस्मिल का भी दरमा न हुआ उनसे तो
और करते हैं मसीहाई का दावा देखो

(अय्यूब ख़ान "बिस्मिल")

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 596

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAROOF KHAN on April 9, 2015 at 8:04pm

khoobsoorat ghazal.... daad haazir e khidmat hai

Comment by Ajay Agyat on November 30, 2014 at 5:19pm

वाह... 

Comment by Meena Pathak on November 25, 2014 at 4:53pm

बेहद्द उम्दा ... बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on October 28, 2014 at 11:12am

बहुत सुन्दर गजल  ! आपका बधाई !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 27, 2014 at 7:45pm

जनाब बिस्मिल साहब बेहद दिलकश ग़ज़ल कही है आपने दिली दाद कुबूल फरमाएँ

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 25, 2014 at 7:34pm

बहुत खूब ..वाह वाह 

Comment by CHANDRA SHEKHAR PANDEY on October 25, 2014 at 6:14am
क्या कहने जनाब
लाजवाब
बाकमाल

दिली दाद क़ुबूल फ़रमाएं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय शिज्जू जी    प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
5 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जागृत माँ पीतांबरा, दर्शन का शुभ-काल सड़क मार्ग पर हूँ अभी, झाँसी से भोपाल  कठिन है रचना…"
6 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
6 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"प्रशंसा छंदों में किये, धन्यवाद मिथिलेश|  इसके आगे क्या कहूं , नहीं तनिक भी शेष|| "
15 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।  'कहे ऊँटनी भी जिसे, अब…"
18 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  गलतियाँ भले छोटी हो लेकिन आपके सुझाव बड़े काम के हैं|  कुछ ऐसे…"
22 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
42 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया  प्रतिभाजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
44 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय शिज्जू शकीर जी हर एक दोहे पर समीक्षात्मक टिप्पणी  सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक…"
1 hour ago
Shabla Arora left a comment for गिरिराज भंडारी
"आभार आदरणीय 🙏🙏"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोरआ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर // वाह.. मूरख मनुआ क्या तुझे…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service