For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दस छन्न पकैया
(१)
छन्न पकैया छन्न पकैया, गाँव दिखा जो नेता,
बुढ़िया काकी पूछे - "का फिर चुनाव आया बेटा ?"
(२)
छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न के नीचे चाकू
गाँव क लड़िकन खेले कह कह, "सारे नेता डाकू" |
(३)
छन्न पकैया छन्न पकैया, हाथी को ढकवाया,
था इशारा हाथ का या फिर, थी माया की माया |
(४)
छन्न पकैया छन्न पकैया, छूते पाँव हमारे
जीत जायेंगे फिर देखना, माथ* चढ़ेंगे सारे |
(५)
छन्न पकैया छन्न पकैया, बजे ऐश का बाजा,
भूखी मरती जाये परजा, मौज उडाये राजा |
(६)
छन्न पकैया छन्न पकैया, सब वोटों की गोटी,
भूखे नंगे दल्ले भी अब ,खायें दारु बोटी | 
(७)
छन्न पकैया छन्न पकैया, देख रहे हो कक्का,
बड़े-बड़े जो हैं बाहुबली, टिकट सभी का पक्का |
(८)
छन्न पकैया छन्न पकैया, गया आँख का पानी,
अपनों को रोटी भी दूभर,  दुश्मन को बिरयानी |
(९)
छन्न पकैया छन्न पकैया, क्या होगी अब फाँसी,
हाकिम की यूँ मेहर हुई है, हो ना पाये खाँसी |
(१०)
छन्न पकैया छन्न पकैया, कैसी "बागी" कनिया**,
देशी दूल्हा भाये नाही, सोनिया हो कि सनिया |

*माथ = सर,    **कनिया = दुल्हन
(चित्र गुगल से साभार)

Views: 1270

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on January 22, 2012 at 7:33pm

छन्न पकैया, छन्न पकैया, सुन्दर छंद पढ़ाया

बागी भाई पढ़ते पढ़ते, सचमुच मन हरषाया 

एक से बढ़कर एक हैं सारे छन्न पकैया आदरणीय बागी भाई.... आनंद आ गया...

सादर बधाई स्वीकारें.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 22, 2012 at 5:24pm

आदरणीय योगराज सर, आपका आशीर्वाद महत्वपूर्ण है, आपने पहले विलुप्तता के कगार पर खड़ी विधा कहमुकरी और अब मृतप्राय विधा छन्न पकैया को जिवंत किया है वो काबिले तारीफ़ है, आपसे ही सिख कर कुछ लिखने का प्रयास किया है, यदि आपको पसंद आया तो लेखन सफल हुआ | कोटिश: आभार आपका |


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 22, 2012 at 5:12pm

बागी भाई, जितनी जानकारी आपने इस विधा के बारे में दी है, उस से ज्यादा मुझे भी  कुछ मालूम नहीं. दरअसल १६+१२+१६+१२ की बंदिश के बारे में भी आप ही से ज्ञात हुआ है.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 22, 2012 at 5:10pm

क्या कहने हैं बागी जी, वाह वाह वाह !!! शिल्प और कथ्य की दृष्टि से अति उत्तम और  बहुत सुन्दर छन्न पकैया कहे हैं आपने. हालत-ए-हाजिरा को मज़मून बना कर कमाल के सन्देश दिए हैं, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 22, 2012 at 4:31pm

दीपक जी, छन्न पकैया बहुत ही पुरानी विधा है जो मृतप्राय अवस्था में है, ओ बी ओ के प्रधान सम्पादक श्री योगराज प्रभाकर ने इस विधा को पुनः जिवंत करने का प्रयास किया है, कई मित्रों ने इस विधा पर खुबसूरत व् सफल प्रयास किया है | 

यह एक मात्रिक छंद है, इस विधा में जैसा की आप देख रहे है चार चरणों में लिखा गया है पहले और तीसरे चरण में १६-१६ मत्राए व् द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में १२-१२ मात्राएँ है व् यति गुरु से है | गेयता आवश्यक है | प्रथम चरण हर बार एक ही वाक्य "छन्न पकैया छन्न पकैया" की बारंबारता होती है |

यदि कुछ छुट रहा हो तो आदरणीय योगराज जी प्रकाश डालना चाहेंगे |

Comment by दीपक कुमार on January 22, 2012 at 3:47pm

छन्न पकैया छन्न पकैया.......

vah..vah....vah..vah....!!!!

aadarniya bagi ji, main is chhand ka grammar samajhna chahta hoon. kripya mera margdarshan karein.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 22, 2012 at 2:28pm

सराहना हेतु आभार नीरज जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service