For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रेगिस्तान में    ......

रेगिस्तान में    ...... 

तृषा
अतृप्त
तपन का
तांडव
पानी
मरीचिका सा
क्या जीवन
रेगिस्तान में
ऐसा ही होता है ?

हरियाली
गौण
बचपन
मौन
माँ
बेबस
न चूल्हा , न आटा ,न दूध
भूख़
लाचार
क्या जीवन
रेगिस्तान में
ऐसा ही होता है ?

पेट की आग
भूख का राग
मिटी अभिलाषा
व्यथित अनुराग
पीर ही पीर
नयनों में नीर
सूखी नदिया
सूने तीर
खाली मटके
मांगें पानी
सूखे कुऍं
बस रहे निशानी
क्या जीवन
रेगिस्तान में
ऐसा ही होता है ?

जीवन साथी
हरने व्याधि
चला परदेस
छोड़ के देस
क्योँकि
प्यास
आभास नहीं
भूख
झूठ नहीं
यथार्थ
हर भाव से बड़ा
सच
जीवन
रेगिस्तान में
ऐसा ही होता है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 576

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 10, 2018 at 7:49pm

आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी ... सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 9, 2018 at 5:45am

आ. भाई सुशील जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Sushil Sarna on April 8, 2018 at 3:59pm

आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज जी ... सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 8, 2018 at 1:45pm

हमेशा की तरह एक और बेहतरीन भावपूर्ण रचना आदरणीय..

Comment by Sushil Sarna on April 7, 2018 at 2:25pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा सृजन को मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 7, 2018 at 2:25pm

आदरणीय मोहित मिश्रा जी ... सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 7, 2018 at 2:24pm

आदरणीय डॉ सुरेन्द्र कुमार वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on April 7, 2018 at 2:24pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब सृजन के भावों की गहनता को आत्मीय स्वीकृति देती आपकी अनमोल प्रशंसा का दिल से शुक्रिया।

Comment by Shyam Narain Verma on April 7, 2018 at 11:31am
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई
Comment by Samar kabeer on April 6, 2018 at 5:48pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत ख़ूब वाह, इस उम्दा प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service