बह्र- फाइलातुन मफाइलुन फैलुन
2122 1212 22
मार कर पेट में कटारी खुद।
मर गया एक दिन मदारी खुद।
अपने कर्मों से वो जुआरी खुद।
हो न जाये कभी भिखारी खुद।
पड़ गये दाँव पेंच सब उल्टे,
फँस गया जाल में शिकारी खुद।
आगये दिन हुजूर अब अच्छे
दान देने लगे भिखारी खुद।
हैं नशामुक्ति के अलम्बरदार,
पर चलाते हैं वो कलारी खुद।
खानदानी हुनर है बच्चों में,
सीख लेते हैं दस्तकारी खुद।
कर्ज बेटा चुका न पाया तो,
वो चुकाने लगे उधारी खुद।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदर्णीय समर कबीर सर जी ग़ज़ल पसन्दगी एवं हौसला बढ़ाने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ग़ज़ल सराहना के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
आदर्णीय नीलेश जी ग़ज़ल सराहना के लिये बहुत बहुत धन्यवाद मैने इस मिसरे की तख्ती इस प्रकार की है
'हैंनशामुक् तिकेअलम् बरदार'
2122 1212 22/112
कृपया बताने का कष्ट करें कहाँ पर चूक हुई है। जिससे मैं मिसरा सुधार सकूँ। सादर
आ. भाई राम अवध जी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।
जनाब राम अवध जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई, बधाई स्वीकार करें ।
बाक़ी जनाब निलेश जी कह चुके ।
आदरणीय राम अवध जी, अच्छी गजल के लिए हार्दिक बधाई ।
आ. राम अवध जी,
अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई
.
हैं नशामुक्ति के अलम्बरदार,/// ये मिसरा बहर में नहीं है ..देख लीजियेगा
सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online