For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || ख़बर तो कागज़ों की कश्तियाँ दे जाएँगी मुझको ||

ख़बर तो कागज़ों की कश्तियाँ दे जाएँगी मुझको
ये लहरें ही तुम्हारी चिठ्ठियाँ दे जाएँगी मुझको
लिखे थे जो दरख्तों पर अभी तक नाम हैं कायम 

ख़बर ये भी कभी पुरवाईयाँ दे जाएँगी मुझको
कभी तो बात मेरी मान जाया कर दिले-नादां

तेरी नादानियाँ दुश्वारियाँ दे जाएँगी मुझको
बिछुड़ जाने का डर मुझको नहीं डर है तो ये डर है 

न जाने क्या न क्या रुस्वाईयां दे जाएँगी मुझको
तुम्हीं को भूल जाऊं मैं अजी ये हो नहीं सकता 

तुम्हारी यादें आकर हिचकियाँ दे जाएँगी मुझको

................................................................
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित

अरकान: १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ 

Views: 653

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on March 12, 2018 at 2:00pm

बहुत ही उम्दा गज़ल। बधाई।

Comment by surender insan on March 11, 2018 at 4:53pm

वाह ग़ज़ल का बहुत अच्छा प्रयास है ।हार्दिक बधाई स्वीकार करे जी।

Comment by Saarthi Baidyanath on March 9, 2018 at 11:06am

आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, बहुत बहुत धन्यवाद ! सादर नमन !

Comment by Saarthi Baidyanath on March 9, 2018 at 11:05am

श्री  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी 
सादर प्रणाम स्वीकार करें ! स्नेह है !

Comment by Saarthi Baidyanath on March 9, 2018 at 11:03am

जनाब  Mohammed Arif साहिब, दिली शुक्रगुजार हूँ ! आपकी मुहब्बतें  हैं ! आदाब !

Comment by Saarthi Baidyanath on March 9, 2018 at 11:01am

आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी, हृदयतल से आभार ! सादर प्रणाम व् धन्यवाद !

Comment by Saarthi Baidyanath on March 9, 2018 at 11:00am

मोहतरम Samar kabeer साहिब, तहे-दिल से शुक्रिया ! नवाज़िश ! सादर प्रणाम सहित !

Comment by Samar kabeer on March 8, 2018 at 10:18pm

जनाब सारथी जी आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 8, 2018 at 9:17pm

शानदार बैद्यनाथ सारती भाई...
बड़ी रदीफ़ पर बहुत ख़ूब ग़ज़ल के लिए बधाई 

Comment by Mohammed Arif on March 8, 2018 at 9:07pm

आदरणीय बैद्यनाथ जी आदाब,

                        बहुत ही उम्दा ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। लाजवाब गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :- बह्र ए रमल मुसद्दस सालिम
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-155 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
19 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब मो० अनीस अरमान जी, ग़ज़ल पर आपकी दाद मिली, इसके लिए आपका दिली शुक्रगुजार हूं।"
19 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीया रचना भाटिया जी, सादर नमस्कार। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति एवं हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया।"
19 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय कुमार जी, सादर नमस्कार। आपका हार्दिक धन्यवाद।"
19 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय दंडपाणि जी, सादर नमस्कार। आ० समर कबीर जी की बात से सहमत हूं। ऐसा लगता है आपने जल्दबाजी में…"
19 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय Ravi Shukla साहिब आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें। //आपके पास है…"
20 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब मो० अनीस अरमान साहब, आदाब। तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है। मुशायरे में शिरकत के…"
20 hours ago
dandpani nahak replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जी बहुत-बहुत शुक्रिया परम आदरणीय "
20 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद जतिन जी"
20 hours ago
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 शिज्जु शकूर साहब सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये"
20 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service