For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

-हेलो सर।
-हाँ, बोलो रवि',समाचार-संपादक ने खबर की बावत तफ्तीश की।
-जोरदार खबर है सर।
-बताओ भी जल्दी।जान मत खाओ।
-सर,शहर-कोतवाल की बीबी भाग गई।पहले बेटी,अब....।
-धत्त ससुरे!ये भी कोई खबर है?
-तहलका मच जायेगा सर,इस खबर से।
-नहीं रे,कुछ नहीं होगा।अभी घोटालों की खबर चाहिए, ....बस घोटालों की।
-वो भी है साहिब।
-तो बोल ना रे....।
-आज कलम वाली कंपनी के यहाँ छापे पड़ रहे हैं।
-कहाँ?
-यू पी में।हजारों करोड़ की बात है।कई बैंक उलझे हैं इसमें।
-ये हुई न हेडलाइन,शाबाश!

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 426

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on February 22, 2018 at 8:43pm

आदरणीय सुरेन्द्र जी,आभारी हूँ।

Comment by Manan Kumar singh on February 22, 2018 at 8:43pm

आपकी स्नेहिल स्वीकृति हेतु शुक्रिया तथा नमन,आदरणीय समर जी।

Comment by Manan Kumar singh on February 22, 2018 at 8:42pm

बहुत  बहुत आभार आदरणीय उस्मानीजी।

Comment by नाथ सोनांचली on February 22, 2018 at 3:06pm

आद0 मनोज जी सादर अभिवादन। बढिया व्यंग्यात्मक लघुकथा। इस प्रस्तुति पर बधाई क़ुबूल करें। सादर

Comment by Samar kabeer on February 21, 2018 at 5:47pm

जनाब मनन कुमार सिंह साहिब आदाब,आजकल आपकी लघुकथाएं बहुत ज़ोरदार हो रही हैं,ये लघुकथा भी तंज़ के भरपूर वार कर रही है,मज़ा आ गया,बहुत ख़ूब, इस बहतरीन प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 21, 2018 at 4:03pm

वाह महिला सशक्तिकरण की बातें फैंकने वाले घोटालेबाज़ों को ही मीडिया- सेलीब्रिटीज़ बनायेंगे, ज़मीनी मुद्दों से ध्यान भटकायेंगे, बहती गंगा में डुबकी लगायेंगे और सबके वारे न्यारे करवायेंगे!!! बेहतरीन समसामयिक ज्वलंत मुद्दों पर उम्दा कटाक्षपूर्ण सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मनन कुमार सिंह साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
5 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
5 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service