For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धोखे ने मुझको इश्क़ में ......संतोष

ग़ज़ल
मफ़्ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फाइलुन

धोखे ने मुझको इश्क़ में क्या क्या सिखा दिया
गिरना सिखा दिया है,सँभलना सिखा दिया

रोती थीं ज़ार ज़ार ये,वादे ने आपके
आँखों को इन्तिज़ार भी करना सिखा दिया

सूरज की तेज़ धूप बड़ा काम कर गई
ख़्वाबों के दायरे से निकलना सिखा दिया

अपनों की ठोकरों ने गिराया था बारहा
ग़ैरों ने सीधी राह पे चलना सिखा दिया

"संतोष"दुश्मनों का करूँ शुक्र किस तरह
मुझको भी दोस्ती का सलीक़ा सिखा दिया

#संतोष

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 631

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on December 19, 2017 at 8:14pm

  धन्यवाद आदरणीय महेंद्र जी....... 

Comment by Mahendra Kumar on December 18, 2017 at 9:13pm

//अपनों की ठोकरों ने गिराया था बारहा
ग़ैरों ने सीधी राह पे चलना सिखा दिया// बहुत ख़ूब!

इस बढ़िया ग़ज़ल पर हार्दिक बधाई क़ुबूल कीजिए आ. संतोष जी. सादर.

Comment by santosh khirwadkar on December 18, 2017 at 10:27am

धन्यवाद आदरणीय मंडल साहब....

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 18, 2017 at 9:31am

बहुत सुन्दर एहसास की बेहतरीन अभिव्यक्ति आ संतोष जी 

Comment by santosh khirwadkar on December 17, 2017 at 11:35pm

शुक्रिया आदरणीय सुशील जी ..

Comment by Sushil Sarna on December 17, 2017 at 6:50pm
Waaaaaaaah shaaaaàndar ahsaas
Comment by santosh khirwadkar on December 17, 2017 at 12:00am

आदरणीय अफ़रोज़ साहब..शुक्रिया!!!!

Comment by santosh khirwadkar on December 16, 2017 at 11:59pm

आदरणीय विजय जी हृदय से धन्यवाद!!!

Comment by santosh khirwadkar on December 16, 2017 at 11:58pm

प्रणाम के साथ धन्यवाद आदरणीय समर साहब....!!!

Comment by Afroz 'sahr' on December 16, 2017 at 5:44pm
जनाब संतोष जी इस कलाम के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
20 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
31 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
38 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
42 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service