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हाइकु

(1) बचे न जीव
ख़त्म होते जंगल
है अमंगल ।
(2) सूखी धरती
बरसे न बादल
गायब जल ।
(3) भारतवर्ष
संस्कृतियों की गंगा
मन है चंगा ।
(4) आओ बनाएँ
खुशहाल भारत
है ज़रूरत ।
(5) रक्षा नायक
राष्ट्र का रखवाला
सेना नायक ।
(6) जातीय भेद
देश का नुकसान
घटाए शान ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

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Comment by Mohammed Arif on November 20, 2017 at 6:19pm
आदरणीय वासुदेव जी आदाब,
हाइकु को अपनी प्रतिक्रिया से पोषित करने का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on November 20, 2017 at 6:16pm
आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब,
हाइकु को अपनी प्रतिक्रिया से पोषित करने का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 20, 2017 at 3:27pm

अनुपम हाइकु के लिए बधाई श्री आरिफ मोहम्मद साहब

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 20, 2017 at 8:27am
मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आदाब ,सीख देते हुए उम्दा हाइकु हुए हैं ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
Comment by Mohammed Arif on November 20, 2017 at 8:21am
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,
हाइकु पर अपनी प्रतिक्रिया से मान बढ़ाने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 18, 2017 at 8:53pm
राष्ट्र को समर्पित बेहतरीन हाइकु सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।
Comment by Mohammed Arif on November 16, 2017 at 5:31pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । आपकी नज़रे अनायत से लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Samar kabeer on November 16, 2017 at 5:19pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बहुत उम्दा हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on November 16, 2017 at 2:11pm
आदरणीय सुशील सरना जी भावों को सम्मान देने का बहुत-बहुत शुक्रिया । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Sushil Sarna on November 16, 2017 at 11:57am

आदरणीय मो. आरिफ साहिब, बहुत की सुंदर और सार्थक हाईकू हुए हैं।  हार्दिक बधाई सर। 

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