For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उनका बस इन्तिज़ार अच्छा था-ग़ज़ल

2122 1212 22/112

उनका बस इन्तिज़ार अच्छा था
यार मैं बे क़रार अच्छा था

गम रहा जो क़रीब दिल के बहुत
वो ख़ुशी से हज़ार अच्छा था

कौन कातिल था देख पाया नहीं
तेज़ नजरों का वार अच्छा था

मेरी उम्मीद तो रही कायम
तेरा झूठा ही प्यार अच्छा था

सौदा दिल का किया हमेशा ही
उनका वो रोज़गार अच्छा था

देख कर जीत की खुशी उनकी
हारना उनसे यार अच्छा था

खीझ कर माँ पसीजना तेरा
मार पर वो दुलार अच्छा था।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 738

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 14, 2017 at 10:49pm
हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी सर।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 13, 2017 at 10:27pm
हार्दिक बधाई ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 13, 2017 at 8:36pm
आदरणीय बृजेश ब्रज जी,हौंसला अफजाई के लिए सादर आभार
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 12, 2017 at 10:48pm
बेहद खूबसूरत ग़ज़ल कही आदरणीय सतविंदर जी..सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 11, 2017 at 8:51pm
आदरणीय डॉ आशुतोषजी सुख़न नवाजी के लिए तहेदिल शुक्रिया!
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 11, 2017 at 11:46am

मेरी उम्मीद तो रही कायम
तेरा झूठा ही प्यार अच्छा था

सौदा दिल का किया हमेशा ही
उनका वो रोज़गार अच्छा था

देख कर जीत की खुशी उनकी
हारना उनसे यार अच्छा था
आदरणीय सतविंदर जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के इन शेरो के लिए बिशेष रूप से बधाई स्वीकार करें सादर

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 10, 2017 at 10:09pm
आदरणीय गुरप्रीत जी,उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार,नमन सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 10, 2017 at 10:07pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी नमन सादर! उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 10, 2017 at 10:01pm
आदरणीय समर सर,सादर नमन! अनुमोदन एव हौंसलाफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार!
Comment by Gurpreet Singh jammu on November 10, 2017 at 3:13pm

देख कर जीत की खुशी उनकी
हारना उनसे यार अच्छा था
वाह आदरणीय सतविंद्र कुमार जी ,, बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service