For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल: बलराम धाकड़

1222-1222-1222-1222

जनम होगा तो क्या होगा मरण होगा तो क्या होगा
तिमिर से जब भरा अंतःकरण होगा तो क्या होगा

हरिक घर से यूँ सीता का हरण होगा तो क्या होगा
फिर उसपे राम का वो आचरण होगा तो क्या होगा

मेरे अहले वतन सोचो जो रण होगा तो क्या होगा
महामारी का फिर जब संक्रमण होगा तो क्या होगा

वो ही ख़ैरात बांटेंगे वो ही एहसां जताएंगे
विमानों से निज़ामों का भ्रमण होगा तो क्या होगा

जमा साहस है सदियों से हमारी देह में अबतक
नसों में रक्त का जब संचरण होगा तो क्या होगा

अहिंसा और सत्याग्रह से जो विजयी हुआ जग में
उसी गाँधी का गोली से मरण होगा तो क्या होगा

परिस्थितियाँ विकट द्वापर से कलियुग में उपस्थित हैं
धरा पर कृष्ण का अब अवतरण होगा तो क्या होगा

फ़िरौती देके बच्चे कम-से-कम घर लौट आते हैं
जब अपनी अस्मिता का अपहरण होगा तो क्या होगा

विचारों में नपुंसकता भरे जाने के अपराधी
अगर इतिहास में ये उद्धरण होगा तो क्या होगा

हम ऐसे आलसी और तुम वही उपभोक्तावादी
हमारे दुर्गुणों का संकरण होगा तो क्या होगा

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 917

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Balram Dhakar on October 14, 2017 at 4:40pm
धन्यवाद आदरणीय शेख़ शहज़ाद सा०।
सादर।
Comment by रामबली गुप्ता on October 13, 2017 at 12:38pm
वाह वाह भाई बलराम धाकड़ जी क्या खूब ग़ज़ल कही है। हार्दिक बधाई स्वीकारें।

गांधी वाले मिसरे में यदि गोली के स्थान पर हिंसा रखें तो कैसा हो जरा विचारियेगा। जनम जन्म का तद्भव है मेरे हिसाब से सही है। बाकी अन्य सुधीजनों की जो राय हो।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 13, 2017 at 7:04am

आ. बलराम जी,
हिन्दी ग़ज़ल का उम्दा प्रयास हुआ है... मतले में शुद्ध शब्द है जन्म (२१) अत: इसे ठीक कर लें. 
बाक़ी बहुत तीख़ी मिर्ची शकर में  डुबा के परोसी है आपने ..बहुत बधाई 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2017 at 10:40pm
वाह, बेहतरीन व्यंग्यात्मक कटाक्षपूर्ण अशआर। बहुत बढ़िया हिन्दी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय बलराम धाकड़ जी।
Comment by Balram Dhakar on October 12, 2017 at 9:00pm
धन्यवाद, आदरणीय समर सर। ग़ज़ल में आपकी शिरक़त और हौसला अफ़जाई का बहुत बहुत शुक्रिया।
Comment by Samar kabeer on October 12, 2017 at 5:19pm
जनाब बलराम जी आदाब,हिन्दी शब्दों में बहुत उम्दा ग़ज़ल कही आपने,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
मंच के नियमानुसार ग़ज़ल के साथ अरकान नहीं लिखे आपने ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर है सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ही ख़ूब हुई है ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजए गुणीजनों की टिप्पणियों से काफी कुछ…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय नीलेश जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से सीखने…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय संजय जी  संज्ञान लेने के लिए आभार आपका सुधार कर लेती हूँ सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"‌आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  कोई तो पूछता ख़ुदा…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ.संजय शुक्ल तल्ख़,  आदाब,  अलग अंदाज है, का ग़ज़ल कहने का,और सराहनीय ग़ज़ल हुई आपकी! आ.…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service