For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -दुश्मनों को मिटा’ देना यही’ काल अच्छा है

काफिया : आल ; रदीफ़ अच्छा है

बहर : २१२२  ११२२  ११२२  २२(११२)

      ११२२

दुश्मनों को मिटा’ देना यही’ काल अच्छा है

खुद करो भूल, अदू को सज़ा’ ख्याल अच्छा है |

नाम है रहनुमा’ क्या राह दिखाई  किसी’ को

झूठ पर झूठ, तुम्हारा ये’ कमाल अच्छा है |

आज कोई नहीं’ सुनते किसी’ की  दुनिया में

उत्तरी कोरिया’ का बम्ब धमाल अच्छा है |

चाँद में दाग है’, मालूम है’ दुनिया को भी

प्रियतमा मेरी' तो' बेदाग़ जमाल अच्छा है |

खाद्य द्रव्यों में’ मिलावट,अनियंत्रित हो’गई 

और कहते हैं,कि बाज़ार में' माल अच्छा है |

वादा' जो भी किया’ उसको न निभाया तो क्या

कुछ मिले ना सही’ पाने का ख़याल अच्छा है |

देश में आमदनी और खपत  कैसी हो   

अर्थ आयोग नया खूब निहाल अच्छा है |

वक्त अनुकूल है’ ऐसा कहा’ नेता जी ने

बीते’ कालों से’ अभी का यही’ काल अच्छा है |

काला’ धन सब हो’ गया लुप्त, कि “काली” भी चुप

पूछने वाला’ भी’ चुप किन्तु, सवाल अच्छा है |

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 634

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 4, 2017 at 11:04pm

आदरणीय समर कबीर साहिब ,आदाब  शेर दर शेर विस्तृत विश्लेषण एवं मार्ग दर्शन के तहे दिल से शुक्रिया | नपुंसक लिंग में कुछ को हिंदी में स्त्रीलिंग में लिया है , उन्ही में गलतियां होती है| नियमों की कई किताब पढ़ी परन्तु पूर्ण रूप से सभी शब्दों में नियम लागू नहीं होता वहां अपवाद कहकर छोड़ देते हैं . गलतियां वहीँ ज्यादा होती है | हिंदी भाषी को आदत होती है इसीलिए उनको परेशानी नहीं है | समय लग सकता है लेकिन सुधार लेगे | सादर |

Comment by Samar kabeer on October 3, 2017 at 7:26pm
जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,
मतले का सानी मिसरा लय में नहीं है,देखियेगा ।

'नाम है रहनुमा,क्या राह दिखाया किसी को'
इस मिसरे में 'राह'शब्द स्त्रीलिंग है, इसलिये 'दिखाया'नहीं "दिखाई" कहेंगे ।
'आज कोई नहीं सुनता किसी को दुनिया में'
इस मिसरे में 'कोई नहीं सुनता किसी की'सही व्याकरण है ।
चौथे शैर का सानी मिसरा लय में नहीं है ।
पांचवें शैर के ऊला मिसरे के अंत में 'हो गया'पुल्लिंग हो रहा है,और मिस्र में स्त्रीलिंग शब्द हैं,इसलिये 'हो गई'होना चाहिये,इस के सानी मिसरे में एक शब्द कम है :-
'और कहते हैं कि बाज़ार में माल अच्छा है'
छटे शैर के ऊला मिसरे में 'वायदा' ग़लत शब्द है,सही शब्द है"वादा" ।

'देश में आमदनी और खरच कैसे हो
अर्थ आयोग नया खूब निहाल अच्छा है'
इस शैर के ऊला मिसरे में 'खरच'शब्द ग़लत है,सही शब्द है"ख़र्च"और सानी मिसरा शिल्प और शब्द कल के कारण सही भाव नहीं दे सका ।

आप जब तक भाषा व्याकरण शिल्प पर अपनी पकड़ मज़बूत नहीं करेंगे ऐसी ग़लतियाँ बार बार होती रहेंगी,बहतर यही है कि ओबीओ पर मौजूद आलेखों का अध्यन ग़ौर से करें यही निवेदन मैं आपसे पहले भी करता रहा हूँ ।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 3, 2017 at 1:23pm

आ समर कबीर साहिब आदाब , बेसब्री से आपका इंतज़ार रहेगा , सादर 

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 3, 2017 at 1:21pm

जनाब अफरोज सह्र' जी  आपकी स्नेहिल उपस्थिति के लिए हार्दिक आभार |

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 3, 2017 at 1:19pm

आ सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुरुक्षेप ' आपकी स्नेहिल उपस्थिति के लिए हार्दिक आभार |

Comment by Afroz 'sahr' on October 2, 2017 at 3:58pm
जनाब काली प्रसाद जी ग़ज़ल की अच्छी कोशिश है।बधाई आपको बाकी गुणीजनों के आने की प्रतिक्षा करें सादर
Comment by Samar kabeer on October 2, 2017 at 3:06pm
जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,विस्तृत टिप्पणी के लिए पुनः वापस आता हूँ ।
Comment by नाथ सोनांचली on October 2, 2017 at 4:42am
आद0 कालीपद जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास। बधाई आपको।।शेष गुणीजन बताएंगे। सादर
Comment by नाथ सोनांचली on October 2, 2017 at 4:41am
आद0 कालीपद जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास। बधाई आपको।।शेष गुणीजन बताएंगे। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
42 minutes ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service