For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा - ज़िद - -

गाँव के सरपंच बंशीलाल के बेटे शुभम  की शादी शहर में रहने वाले परिवार की लड़की सुजाता से हुई।

सुजाता ने गाँव में पहली बार में कुछ  परेशानियों का सामना किया तो गौने पर विदा कराने गये शुभम और उसके साथियों को बैरंग लौटा दिया। कहला दिया कि जब तक घर में शौचालय की व्यवस्था नहीं होगी, वह गांव नहीं आयेगी। शुभम भी गुस्से में धमकी देकर चला आया कि अब वह कभी भी उसे लेने नहीं आयेगा।

लेकिन धीरे धीरे सरपंच जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और सामाजिक दबाव के देखते हुए शौचालय का निर्माण शुरू कर दिया। शौचालय का निर्माण पूर्ण होते ही सरपंच ने शुभम को शहर सुजाता को लाने भेज दिया।

शुभम शहर तो आगया, मगर सुजाता के घर जाने में उसे अपनी बेइज्जती लगी। अतः वह एक होटल में ठहर गया और सुजाता के यहाँ समाचार भिजवा दिया कि वह उसे लेने आगया है वह इस होटल पर आ जाये। लेकिन सुजाता उससे भी तीन क़दम आगे थी। उसने भी खबर भेज दी कि वह घर नहीं आयेगा तो वह उसके साथ नहीं जायेगी।

बौखलाहट में शुभम एक बार फिर बैरंग लौट आया। उसने अपने पिता को बताया कि सुजाता ने आने से फिर मना कर दिया। उसके परिवार के लोग उसकी बात सुनकर ठहाका मार कर हँस पड़े। उनके बीच सुजाता भी थी। | सरपंच ने शुभम को समझाया,

"बेटा, गृहस्थी की गाड़ी ज़िद से नहीं आपसी ताल मेल से चलती है"।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 632

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 5, 2017 at 8:41am

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by Nita Kasar on October 4, 2017 at 8:08pm
गृहस्थी की गाड़ी ज़िद से नही तालमेल से चलती है,सार्थकसंदेश देती कथा के लिये बधाई आद० तेजवीर सिंह जी ।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 4, 2017 at 9:14am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 4, 2017 at 9:13am

हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 4, 2017 at 1:05am
पति/दामाद (पुरुष) के अहं और ज़िद और बीवी/बहू (स्त्री) के स्वाभिमान के बीच शौचालय व्यवस्था-व्यथा और उसके समाधान संदर्भ में बीवी/बहू की समझदारी/तालमेल-पहल को उभारती बढ़िया संदेश वाहक और प्रेरक प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय तेज वीर सिंह जी। स्त्री का सार्थक नाम 'सुजाता' बढ़िया चयन।
Comment by Mohammed Arif on October 3, 2017 at 11:47pm
आदरणीय तेजवीर सिंह जी आदाब, बेहतरीन , सशक्त लघुकथा । कथानक बिल्कुल ज्वलंत और सामयिक लिया जो आज की आवश्यकता भी है । शौचालय न होने का खामियाजा सबसे ज़ियादा हमारे घर की महिलाएँ उठाती है । बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने । इससे कथानक में ताज़गी का संचार होता है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2017 at 5:40pm

हार्दिक आभार आदरणीय सलीम राज़ा रेवा साहब जी।

Comment by SALIM RAZA REWA on October 3, 2017 at 5:12pm
जनाब तेजवीर सिंह साहिब,
ख़ूबसूरत लघुकथा के लिए मुबारक़बाद,
Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2017 at 3:57pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। आदाब।

Comment by Samar kabeer on October 3, 2017 at 2:49pm
जनाब तेजवीर सिंह साहिब आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
10 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service