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'अदब की मुल्क में मिट्टी पलीद कैसे हो'

मफ़ाइलुन फ़इलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन

१२१२ ११२२ १२१२ २२/११२


ख़ुलूस-ओ-प्यार की उनसे उमीद कैसे हो
जो चाहते हैं कि नफ़रत शदीद कैसे हो

छुपा रखे हैं कई राज़ तुमने सीने में
तुम्हारे क़ल्ब की हासिल कलीद् कैसे हो

बुझे बुझे से दरीचे हैं ख़ुश्क आँखों के
शराब इश्क़ की इनसे कशीद् कैसे हो

हमेशा घेर कर कुछ लोग बैठे रहते हैं
अदब पे आपसे गुफ़्त-ओ-शुनीद कैसे हो

इसी जतन में लगे हैं हज़ारहा शाइर
अदब की मुल्क में मिट्टी पलीद कैसे हो
----
शदीद-सख़्त
क़ल्ब-दिल
कलीद्-चाबी
कशीद्-खींचना
गुफ़्त-ओ-शुनीद-बात चीत
पलीद-गन्दा,ग़लीज़
समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 16, 2017 at 10:01pm
आदरणीय बहुत ही शानदार ग़ज़ल कही है..मुझ जैसे नए लोगों को सीखने के लिए काफी कुछ है..विशेषकर उर्दू शब्दावली..सादर

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Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 9:30pm

वाह्ह्ह्ह वाह भाई जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है काफिया तो बहुत ही ज्यादा पसंद आया --मिटटी पलीद मुहावरा बहुत सुनते आये थे किन्तु शेर में इसका प्रयोग देख कर मजा आ गया बहुत बहुत मुबारकबाद कुबूलें 

Comment by Hari Prakash Dubey on July 16, 2017 at 4:42pm

गज़ब का लिखतें हैं आप आदरणीय  Samar kabeer सर ,बधाई आपको इस सुन्दर रचना  के लिए ! सादर 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 16, 2017 at 3:46pm

वाह बेहद खुबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय समर भाई जी | बधाई स्वीकारें | 

Comment by Samar kabeer on July 16, 2017 at 3:09pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on July 16, 2017 at 3:07pm
जनाब मोहित मिश्रा जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 16, 2017 at 2:00pm
मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, बहुत ही अच्छी ग़ज़ल हुई है,शेर दर शेर मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं। शेर 4 उला मिसरे में टाइप गलती शायद हो गई,"हमेशा घेर के" की जगह "हमेशा घेर कर " हो गया ,देख लीजियेगा
Comment by Samar kabeer on July 15, 2017 at 6:57pm
शुक्रिया भाई ।
Comment by narendrasinh chauhan on July 15, 2017 at 4:19pm

लाजवाब रचना 

Comment by Samar kabeer on July 14, 2017 at 10:08pm
जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

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