For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सांगोपांग सिंघावलोकन मनहरण घनाक्षरी .//अलका ललित

घनाक्षरी में सांगोपांग सिंहावलोकन छंद के साथ  प्रथम प्रयास 

**

जाइए यहाँ से अभी
सरदी बहुत है जी
बादल आवारा सुनो
गर्मियों में आइए
.
आइए जो गरमी में
बरखा बहार संग
ठंडी सी हवाओं वाला
रस भी तो लाइए
.
लाइए जो बिजली तो
गरज गरज कर
कसक बरसने की
हमे न दिखाइए
.
खाइए न भाव अब
उचित समय पर
कृषकों की आस जरा
पूरी कर जाइए

**

 "मौलिक व अप्रकाशित" 

Views: 1487

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on April 3, 2017 at 10:51pm

आदरणीय बासुदेव अग्रवाल 'नमन' जी, प्रयास को समय देने व त्रुटियां  इंगित करने के लिए बहुत आभार आपका। घनाक्षरी में सांगोपांग सिंहावलोकन छंद के साथ यह मेरा प्रथम प्रयास है, अभी बहुत अभ्यास की आवश्यकता है मुझे।    सुधार  का प्रयास किया है उम्मीद है अब सही होगा।  यदि फिर भी कोई त्रुटि हो तो कृपया निर्देश दीजियेगा ।  सादर। 

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on April 3, 2017 at 10:48pm

आदरणीय Ashok Kumar Raktale ji, जी प्रयास को समय देने व त्रुटियां  इंगित करने के लिए बहुत आभार आपका। घनाक्षरी में सांगोपांग सिंहावलोकन छंद के साथ यह मेरा प्रथम प्रयास है, अभी बहुत अभ्यास की आवश्यकता है मुझे।    सुधार  का प्रयास किया है उम्मीद है अब सही होगा।   सादर। 

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on April 3, 2017 at 10:39pm

आदरणीय  Samar kabeer ji , मात्रिक छंद विधान न लिखने के कारण हुई असुविधा के लिए क्षमा चाहती हूँ ,सादर।

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on April 3, 2017 at 10:36pm

आदरणीय Mohammed Arif ji , मात्रिक छंद विधान न लिखने के कारण हुई असुविधा के लिए क्षमा चाहती हूँ
घनाक्षरी का विधान:-
टोटल ४ पंक्तियाँ
हर पंक्ति ४ भागों / चरणों में विभाजित
पहले, दूसरे और तीसरे चरण में ८ वर्ण
चौथे चरण में ७ वर्ण, १६+१५ भी चलता है।
इस तरह हर पंक्ति में ३१ वर्ण

सिंहावलोकन का विधान:-
कवित्त के शुरू और अंत में समान शब्द
जैसे प्रस्तुत कवित्त शुरू होता है "जाइए " से और समाप्त भी होता है "जाइए " से

सांगोपांग विधान
छंद के अंदर भी हर पंक्ति जिस शब्द / शब्दों से समाप्त हो, अगली पंक्ति उसी शब्द / शब्दों से शुरू हो तो छंद की शोभा और बढ़ जाती है| इस विधान के छंन्द को सांगोपांग सिंहावलोकन छंद कहते थे|

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on April 3, 2017 at 7:36pm
आ0 अलका ललित जी घनाक्षरी जैसी कठिन विधा पर प्रथम प्रयास को देखते हुए रचना की बधाई।
दूसरे चरण में 15+15 वर्ण हैं 3 रे में 16+14 और चौथे में 17+15। मनहरण में 16+ 15 की बाँट अनिवार्य है।
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2017 at 7:31pm

आदरणीया अलका ललित जी सादर, मनहरण घनाक्षरी पर सुंदर प्रयास हुआ है.  यह आपका मनहरण घनाक्षरी पर प्रथम प्रयास है या सिंहावलोकन के साथ घनाक्षरी पर प्रथम प्रयास है मुझे नहीं पता. किन्तु यदि यह घनाक्षरी पर ही प्रथम प्रयास है तब आपने छंद के बन्धनों के साथ सिहावलोकन एक अतिरिक्त बंधन जोड़ लेने को मैं उचित नहीं मानता. क्योंकि छंद प्रवाह के लिए कलों के संयोजन पर भी कुछ काम करने की आवश्यकता है. सादर. 

आइए जो गर्मी में.......द्वितीय चरण में ७/८ वर्ण .एक वर्ण कम है.

जल्दी बरसने की......तृतीय चरण में ७/८ वर्ण . एक वर्ण कम है.

Comment by Samar kabeer on April 3, 2017 at 5:57pm
मोहतरमा अलका ललित जी आदाब,अच्छी छन्द रचना हुई,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
आप बार-बार भूल जाती हैं,रचना के साथ मात्राएँ या अरकान लिखना मंच का नियम है,इससे पाठक को रचना पर टिप्पणी देने में आसानी होती है,गिरह में बांध लें ।
Comment by Mohammed Arif on April 3, 2017 at 5:39pm
आदरणीया अलका ललित जी आदाब, बहुत सुंदर "सिंघावलोकन मनहरण घनाक्षरी"छंद । इस छंद का मात्रिक विधान भी बतला दिया होता तो बेहतर होता और ये छंद ज़रा सामयिक होते तो और मज़ा आता । ख़ैर, बहुत-बहुत बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
11 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service