For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घनाक्षरी छंद

(1)

 

(भ्रूण हत्या)

 

जैसे बेटा पैदा होना, इक वरदान कहा,

घर में न बेटी होना, एक बड़ा श्राप है !

 

होती न जो बेटियां तो, होते कैसे बेटे भला

इन्ही की वजह से तो, शिवा है - प्रताप है !

 

पैदा ही न होने देना, कोख में ही मार देना,

हर मज़हब में ये, घोर महापाप है !

 

महामृत्युंजय सम, वंश के लिए जो बेटा,

उसी तरह कन्या भी, गायत्री का जाप है !

---------------------------------------------------------------

(2)

(टीस)

 

राष्ट्र अपने के लिए, नशा कोढ़ के समान ,

जिसने उजाड़ दिए, लाखों नौजवान हैं !

 

नशे के गुलाम हुए, भूले इस बात को वो,

उनकी जवानी से ही, भारती की शान हैं !

 

भूल निज वंश करें, दानवों सी हरकतें

उन्हें बतलाए वे तो, ऋषि की संतान है !

 

देना होगा हौसला भी, इन्हें समझाना होगा,

हिम्मत करो तो सभी, मंजिलें आसान है

--------------------------------------------------

Views: 932

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 31, 2011 at 10:13am
Thanks, Neeraj Tripathi ji

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 31, 2011 at 10:12am
अंजना जी,  उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत बहुत आभारी हूँ !

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 31, 2011 at 10:12am

धर्मेन्द्र भाई, ज़र्रा-नवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 31, 2011 at 9:38am

आदरणीय प्रधान संपादक जी, आज के उस दौर में जब युवा साहित्यकार खुली कविता की तरफ आकर्षित है, वहा पर यह छंद युवा साहित्यकारों में जोश का संचार करेगी |

 

ये दोनों रचनाओं का भाव पक्ष बहुत ही मजबूत है, समाज की दो महत्वपूर्ण बुराई "भ्रूण हत्या और नशा" पर सन्देश देती ये रचनाएँ बहुत ही ससक्त बन पड़ी है | 

 

शिल्प की दृष्टि से नए लोगो को एक विधा सिखने का मौका भी है,

इस शानदार अभिव्यक्ति पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार कीजिये आदरणीय प्रधान संपादक जी, ये काव्य कृतिया निश्चित ही ओ बी ओ की गरिमा को कुछ और उचाई प्रदान करेंगी |

Comment by आचार्य संदीप कुमार त्यागी on May 31, 2011 at 2:34am
अत्युत्तम प्रभाकर जी दो नों ही घनाक्षरी छंद प्रभावशाली हैं,आपके काव्य की सरसता,भाव-प्रवणता आपकी मौलिकता का सौन्दर्य बढ़ाती है। वास्तव में घनाक्षरी को हिन्दी छंदों का छत्रपति कहा गया है।बड़े बड़े महाकवियों की कलम को भी इस छंद को लिखते समय लड़खड़ाते  पाया है। इस छंद की प्रवाहमयी लयात्मकता के लिये यति गति का अनुपालन श्रमसाध्य है।आपका प्रयास स्तुत्य है।
Comment by R. K. PANDEY "RAJ" on May 30, 2011 at 10:06pm

आपकी दोनों कवितायें "भ्रूण हत्या" और "टीस" दोनों ही काफी उम्दा हैं. जहाँ आपकी कवितायों में भावनाएं शब्दों के माध्यम से पिरोई हुयी हैं वहीँ एक शिक्षण भी समाज को साफ़ साफ़ दिया जाता हुआ दिख रहा है. कविता आपकी भावपूर्ण है और शिक्षा से परिपूर्ण है. अति उत्तम और सराहनीय रचना.

 

--राज 
Comment by suryajeet kumar singh on May 30, 2011 at 9:58pm
पैदा ना होने देना ,कोख में ही मार देना , हर मजहब में ये घोर महापाप है ..... बहुत बढ़िया रचना बा प्रभाकर भैया . अउर जोन ऐ रौवा नशा के बारे में लिखले बानी, सही में ई अपना देश के नोजवान लोग के काफी हद तक बहका चुकल बा आउर बहका रहल बा....  धन्यवाद    
Comment by neeraj tripathi on May 30, 2011 at 9:44pm

behtareen

 

Comment by Anjana Dayal de Prewitt on May 30, 2011 at 9:38pm

महामृत्युंजय सम, वंश के लिए जो बेटा,

उसी तरह कन्या भी, गायत्री का जाप है !

bahut sunder!
Comment by धर्मेन्द्र शर्मा on May 30, 2011 at 9:36pm
बहुत ही ऊंचे दर्जे की रचना है ये तो प्रभाकर जी... मेरी और से बधाई स्वीकार करें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service