For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सांसारिकता (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी

"पढ़-लिख गये हो, अब क्या करोगे सरकारी नौकरी या प्राइवेट?" बुज़ुर्ग पड़ोसी ने युवक से पूछा।

"नहीं, नौकरी तो नहीं करूंगा!" टेढ़ा सा मुँह बनाकर युवक ने कहा।

"तो क्या दुकान खोलोगे, धंधा-व्यापार करोगे? कौन सा?"

"धंधा! धंधा तो कतई नहीं, इसके लिए पर्याप्त धैर्य मुझमें है ही नहीं!"

"तो फिर क्या बाप की छाती पर ही बैठे रहोगे, पढ़ने-लिखने के बाद भी?" बुज़ुर्ग ने उसको घूरते हुए कहा।

"यह कैसी बात कह रहे हैं आप ? पहले तो मैं दुनियादारी सीखूंगा !"

"तो अब तक क्या कर रहे थे?"

"आपको मालूम तो है न कि 'पढ़ाई-लिखाई' कर रहा था, डिग्रियां ले रहा था! दुनियादारी कहां सीख पाया ढंग से!"

"तो बेटा, उसके लिए ही तुम्हें नौकरी या धंधा कुछ तो शुरू करना ही होगा न !"

"क़िताबी ढंग से या दुनिया के ढंग से?" यह कहते हुए युवक की आँखें कुछ फैल सी गईं थीं।

"लोग सब कुछ बता देंगे या वक़्त सब कुछ सिखा देगा!" बुज़ुर्ग ने युवक की पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा।


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 708

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on December 11, 2016 at 5:03pm

बेहतरीन प्रस्तुति। हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 10, 2016 at 9:32pm
आपने भी मेरी इस लघुकथा पर समय देकर प्रोत्साहित किया, बहुत ख़ुशी व हौसला अफ़ज़ाई हुई। तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब मिथिलेश वामनकर साहब।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 10, 2016 at 9:29pm
मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थित हो कर स्नेहिल प्रोत्साहन देने के लिए बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद आदरणीया नीता कसार जी।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 10, 2016 at 9:27pm
मेरी यह लघुकथा आपको पसंद आई, मेरी एक और कोशिश सफल हुई। रचना का अवलोकन करने व स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब समर कबीर साहब।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 8, 2016 at 11:42pm

आदरणीय उस्मानी जी, बढ़िया लघुकथा लिखी है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर 

Comment by Nita Kasar on December 8, 2016 at 2:54pm
दुनियादारी सिखाती उत्तम कथा।लोग सब बता देंगे या वक्त सब कुछ सिखा देगा ।बधाई आपको आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।
Comment by Samar kabeer on December 8, 2016 at 2:40pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी लगी आपकी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
19 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service