For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुर (बस दो मिनट में )



दो मिनट में

नहीं लिख दी जाती
कोई कविता
जैसे नहीं बनती सब्जी
दो मिनट में बढ़िया
दो मिनट में तो
बनती है बस मैगी
जो सिर्फ पेट भरती हैं |

अपनी संतुष्टि के लिए
भले लिख दो
मिनट, दो मिनट में
कुछ भी अपने
अंतर्मन के भाव !

पर चाहिए तुम्हें यदि
सब की संतुष्टि
तो पहले उसे
कागज पर चढ़ाओ
फिर पकाओ
फिर जाके उतारो
अंगीठी से
धीरे-धीरे मध्यम आँच पर
पक जाती है कविता
कविता ही नही
कथा भी
और हाँ कहानी भी !

हर चीज की
तासीर के हिसाब से
दो उसे समय
फिर देखो
जो निकलेगी
वह होगी कोई
कविता या कहानी
जो दिलो में सबके
बस जाएगी
खाकर ऊँगली चाटने वाली कहावत
चरितार्थ कर जाएगी | सविता
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 841

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by savitamishra on October 9, 2016 at 11:48am

दिल से अआभार आदरणीय विजय भैयाजी ...नमस्ते सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 9, 2016 at 3:10am
बहुत खूब , बधाई , आदरणीय सुश्री सविता जी , सादर।
Comment by नाथ सोनांचली on October 9, 2016 at 12:22am
बेहतरीन भाव सम्प्रेषण
Comment by savitamishra on October 8, 2016 at 9:18pm

कल्पना बहन आभारी है हम आपके |

Comment by savitamishra on October 8, 2016 at 9:18pm

सुरेश भाई जी दिल से आभार आपका

Comment by savitamishra on October 8, 2016 at 9:03pm

शिज्जु भैया बहुत बहुत आभार आपका | किन्तु इस संदेश में हमने बस दो मिनट ही खर्च किए | :)

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 7:58pm

बहुत बढ़िया रचना हुई है आदरणीया सविता मिश्रा जी | बधाई स्वीकारें |

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 4, 2016 at 1:54pm
आदरणीया सविता जी बहुत ही सुन्दर, बहुत ही बढिया लिखा है आपने ।
सहज पके सो मीठा होय।
बहुत खूब।
बधाई स्वीकार करें । सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 3, 2016 at 5:53pm

आ. सविता मिश्रा जी इस कविता के जरिए सार्थक संदेश दिया, वाकई दो मिनट में कभी कविता नहीं हो सकती बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिए

Comment by savitamishra on October 3, 2016 at 1:37pm

आदरणीय मंडल भैया धन्यवाद आपका | _/\_सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
43 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
50 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
50 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
56 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service