For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिल के निहाँ ख़ाने में ....

दिल के निहाँ ख़ाने में ....

लगता है शायद
उसके घर की कोई खिड़की
खुली रह गयी
आज बादे सबा अपने साथ
एक नमी का अहसास लेकर आयी है
इसमें शब् का मिलन और
सहर की जुदाई है
इक तड़प है, इक तन्हाई है
ऐ खुदा
तूने मुहब्बत भी क्या शै बनाई है
मिलते हैं तो
जहां की खबर नहीं रहती
और होते हैं ज़ुदा
तो खुद की खबर नहीं रहती
छुपाते हैं सबसे
पर कुछ छुप नहीं पाता
लाख कोशिशों के बावज़ूद
आँख में एक कतरा रुक नहीं पाता
हिज्र की रातों में सितारों से बतियाते हैं
खामोश लम्हों से
बारहा उनके अक्स चुराते हैं
अक्स
जिनमें उसके आरिज़ों पर
हया की अरुणाई है
अक्स
जिसमें उसके लबों पर
प्यास थरथराई है
अक्स
जिसमें वो बे-हिज़ाब आई है
आज उसकी याद ने
मेरे दिल के निहाँ ख़ाने में
ली एक अंगड़ाई है
पेशानी पे मुहब्बत की यारो
इक लफ्ज़ लिखा तन्हाई है
न उसको ये रास आई है
न मुझको ये रास आई है


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 694

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on August 1, 2016 at 1:25pm

आदरणीया कल्पना भट्ट जी प्रस्तुति के मर्म पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 1, 2016 at 1:25pm

आदरणीय गिरिराज जी भाई साहिब सृजन को अपनी उत्साहवर्धक प्रशंसा से अलंकृत करने का हार्दिक आभार।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 1, 2016 at 11:44am
वाह ।सुंदर भावपूर्ण रचना हुई है हमेशा की तरह । बधाई आदरणीय

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 1, 2016 at 9:34am

आदरनीय सुशील भाई , खूबसूरत एहसासात को खूबसूरत लफ्ज़ों मिले हैं , दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

Comment by Sushil Sarna on July 30, 2016 at 1:34pm

आदरणीया pratibha tripathi जी प्रस्तुति को अपनी आत्मीय प्रशंसा से मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on July 30, 2016 at 1:33pm

आदरणीय  Samar kabeer  जी _/\_

Comment by Sushil Sarna on July 30, 2016 at 1:32pm

आदरणीय  Dr Ashutosh Mishra  जी प्रस्तुति को अपनी आत्मीय प्रशंसा से मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by Samar kabeer on July 29, 2016 at 6:08pm
मेरे कहे को मान देने का धन्यवाद ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 29, 2016 at 5:46pm

आदरणीय सुशील जी .इस शानदार रचना के इस अंश के लिए बिशेष रूप से बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Sushil Sarna on July 29, 2016 at 12:57pm

बिलकुल सही आदरणीय समर कबीर साहिब  ... सही पकड़ा आपने  ... भविष्य के लिए अवगत हुआ सर सर।  अभी एडिट कर पुनः प्रेषित करता हूँ। आपकी आत्मीयता का दिल से आभार। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
20 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service