For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घेरि-घेरि घनघोर घटा अति स्नेह-सुधा बरसाए जन में।
चमक चंचला हाय! विरही मन की तपन बढ़ाये छन में।।

भीग-भीग हिय गीत प्रीत के गाये सुख पाये सावन में।
झूम-झूम तरु राग वागश्री गाएं हरषाएं जीवन में।।

टर्र-टर्र टर्राएं दादुर अति रति भाव जगा निज मन में।
म्याव-म्याव धुन गाये, नाचे मोर मोरनी के सँग वन में।।

कुहुक-कुहुक कर गाये कोयल हृदय चुराए छिप उपवन में।
सुखमय यह सावन मनभावन अति सुख लाये हर जीवन में।।


रचना-रामबली गुप्ता
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 528

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 22, 2016 at 6:01pm

इस सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीय रामबली जी | 

Comment by रामबली गुप्ता on July 21, 2016 at 4:37pm
सादर आभार आद0 गिरिराज भंडारी जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 21, 2016 at 10:37am

आदरनीय राम बली भाई , सुन्दर श्रावणी रचना के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by रामबली गुप्ता on July 20, 2016 at 10:54pm
आद0 समर कबीर जी रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हो गया। इसके लिए आपको हृदयतल से आभार।सादर
Comment by Samar kabeer on July 20, 2016 at 6:09pm
जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by रामबली गुप्ता on July 20, 2016 at 4:00pm
आद0 अशोक रक्ताले जी रचना के भावों को मान देने के लिए आपका हृदय से आभार।
उक्त पंक्ति में एक मात्रा कम होने के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है। संशोधन कर चुका हूँ।सादर
Comment by Ashok Kumar Raktale on July 20, 2016 at 2:04pm

कुहुक-कुहुक कर गाये कोयल हृदय चुराए छिप उपवन में।
सुखमय यह सावन मनभावन अति सुख लाये हर जीवन में।।......वाह ! बहुत सुंदर.

आदरणीय रामबली गुप्ता जी सादर, बहुत सुंदर द्विपदियाँ रची हैं बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. फिरभी //चमक चंचला हाय! विरही मन की तपन बढ़ाये छन में।।//......इस पंक्ति में गेयता कुछ कम लग रही है. देख लें. सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service