For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विद्या दान – ( लघुकथा ) –

विद्या दान – ( लघुकथा  ) –

 सारे शहर में इश्तिहार लगे थे कि  शास्त्रीय संगीत की प्रख्यात गायिका पदमश्री सुमित्रा देवी  गंधर्व की सोलह  वर्षीय सुपुत्री एवम शिष्या संगीतिका गंधर्व के जीवन का प्रथम गायकी कार्य क्रम शाम को सात बजे टैगोर भवन में होगा!

इस क्षेत्र के जाने माने एवम  मशहूर लोग स्तब्ध थे क्योंकि सुमित्रा देवी ने संगीत के प्रति अपनी अटूट आस्था के चलते शपथ ली थी कि ना तो वह कभी विवाह करेंगी और ना कभी किसी को शिष्य बनायेंगी!

नियत समय पर कार्य क्रम शुरु हुआ!सर्व प्रथम सुमित्रा देवी ने मंच से संबोधित किया,"सभी के मन में इस बच्ची को लेकर कुछ प्रश्न उठ रहे होंगे!पहले आप उसकी कला  का आनंद लीजिये और उसकी  प्रतिभा का मूल्यांकन कीजिये!तत्पश्चात मैं आपसे उसका परिचय कराऊंगी “!

संगीतिका गंधर्व की स्वर साधना पर श्रोता मंत्र मुग्ध थे!इतनी सुरीली और त्रुटि रहित गायकी प्रथम प्रयास में कभी भी नहीं देखी गयी!प्रांगण तालियों की गडगडाहट से देर तक गूंजता रहा!जाने माने संगीतज्ञ चकित थे!

सुमित्रा देवी ने  पुनः मंच को संबोधित किया,"संगीत के गुणीजनों एवम  कर्णधारों से क्षमाप्रार्थी हूं क्योंकि मैंने एक नियम तोडा है!शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों ने नियम बनाया था कि केवल ब्राह्मण  युवक और युवतियों को ही इस विधा में पारंगत किया  जाय !यह लडकी ब्राह्मण नहीं है!यह मेरे घर की महरी की बेटी है!पांच साल की उम्र में यह अपनी मॉ के साथ मेरे घर आती थी!मैं जब रियाज़ करती थी तो यह बडी तल्लीनता से,दो दो तीन तीन घंटे, मुझे एकाग्रता और तल्लीनता  से सुनती थी! एक बार मैंने पूछा कि तुम कुछ समझी तो इसने पूरी लय ताल के साथ सब सुना दिया!मैं भाव विभोर एवम दंग हो गयी!तभी मैंने निर्णय लिया कि इसको संगीत के क्षेत्र में लाना होगा!इसलिये मैंने इसे विधिवत गोद लिया है!अब यह मेरी बेटी है, आगे निर्णय आप लोगों के हाथ में है”!

तालियों की गूंज़  और गडगडाहट से आभास हो रहा था कि निर्णय संगीतिका के पक्ष में हो चुका था !

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 736

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 25, 2016 at 5:46pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब  जी!मेरी लघुकथा पर आपका उपस्थित होना ही मेरे लिये गौरव की बात है साथ ही उस पर आपकी प्रशंसात्मक टिप्पणी तो मेरे अंदर और ऊर्ज़ा का संचार करती है!पुनः आभार!

Comment by Samar kabeer on January 25, 2016 at 5:24pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,हमेशा की तरह ये लघुकथा भी शानदार है,बधाई स्वीकार करें !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
23 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
34 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
41 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
46 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
52 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
59 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service