For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ताज़ा ग़ज़ल : टूट के कर गया आशियां दर ब दर

बह्र  212 212 212 212

टूट के  कर गया आशियां दर ब दर

घूमते फिर रहे हम यहां दर ब दर

 

आ गये  लौट कर अक्‍ल वाले सभी    

पर जुनूं में हुए लामकां दर ब दर

 

कमसिनी छोड़कर अब महकने लगे 

जख्‍म मेरे हुए बेकरां दर ब दर

 

खाल में भेड़ की भेडि़ये घुस गये

मर गये मेमने बकरियां दर ब दर

 

हो सकी क्‍या हमें खुद हमारी सनद

फिर रहा आदमी बेनिशां दर ब दर

हम कहां से चले थे कहां आ गये

कर रही है हमें दूरियां दर ब दर

 

नस्‍ले आदम कहीं खो न जाए कि यूँ

कोख में हो रही बेटियां दर ब दर

 

फागुनी रंग  है चैत की रात में

हो गई जिस्‍म की सर्दियां दर ब दर

 

( मौलिक एवं अप्रकाशित )

 

Views: 505

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Shukla on August 3, 2015 at 12:50pm

आरणीय आशुतोष जी आपका आभार ।आपको ग़ज़ल पसंद आई शेर को रेखांकित करने के लिये पुन: आभार

Comment by Ravi Shukla on August 3, 2015 at 12:49pm

आरणीय हर्ष जी ग़ज़ल आपको पसंद आई आभारी हैं हम । धन्‍यवाद

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 1, 2015 at 2:53pm

नस्‍ले आदम कहीं खो न जाए कि यूँ

कोख में हो रही बेटियां दर ब दर  आदरणीय रवि जी इस सुंदर ग़ज़ल के हर शेर भाये पर इस शेर के लिए बिशेस रूप से दाद क़ुबूल करें सादर 

Comment by Harash Mahajan on July 31, 2015 at 3:08pm

आदरणीय Ravi Shukla जी बहुत ही उम्दा पेशकश हुई है | दाद कबूल कीजियेगा !! साभार !!

Comment by Ravi Shukla on July 31, 2015 at 3:05pm

आरणीय राहुल जी आपका भी आभार

Comment by Ravi Shukla on July 31, 2015 at 2:29pm

आभार आदरणीय समर कबीर जी

आपसे दाद पाकर हौसला बढ़ेगा

अनुग्रह बनाये रखे

Comment by Samar kabeer on July 30, 2015 at 11:43pm
जनाब रवि शुक्ल जी,आदाब,बहुत ही मुरस्सा ग़ज़ल से नवाज़ा है आपने मंच को,कमाल शाइरी है साहिब,सुनकर दिल बाग़ बाग़ हो गया,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।
Comment by Ravi Shukla on July 30, 2015 at 3:19pm

अवश्‍य आदरणीय मिथिलेश जी

भविष्‍य मे ध्‍यान रखेंगे

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 29, 2015 at 10:54pm
बहुत सुन्दर गजल हुई आदरणीय दाद कबूल करें।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 29, 2015 at 8:47pm

आदरणीय रवि जी मंच की परंपरा अनुसार ग़ज़ल की बह्र २१२-२१२-२१२-२१२ लिख दीजियेगा...सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service