For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुन री सखी फिर फागुन आयो
याद पिया की बहुत रुलायो
इत उत डोलूँ, भेद ना खोलूँ
बैरन नैना भरि-भरि आयो
सुन री सखी फिर ........


जब से गये परदेश पिया जी
भेजे न इक संदेश जिया की
इक-इक पलछिन गिन के बितायो
सुन री सखी फिर ........

ननदी हँसती जिठनी हँसती
दे ताली देवरनियो हँसती
सौतनिया संग पिया भरमायो
सुन री सखी फिर .....


खूब अबीर गुलाल उड़ायें
प्रेम रंग, सब रंग इतराएँ
बिरहा की अगनी ने मोहे जलायो
का पिया ने मोहे, दिया बिसरायो
सुन री सखी फिर ......


खेलूँगीं ना अब मै होरी
रहिहे सदा ये चूनर कोरी
अब हिय अपने श्याम बसायो
सुन री सखी .......
साँचो अब फागुन आयो ।।

मीना पाठक
मौलिक अप्रकाशित 

Views: 578

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on March 8, 2015 at 8:37pm

प्रिय कल्पना ..सस्नेह आभार 

Comment by Meena Pathak on March 8, 2015 at 8:36pm

आदरणीय हरी प्रकाश जी रचना पर सराहना हेतु बहुत बहुत आभार स्वीकारें | सादर 

Comment by Meena Pathak on March 8, 2015 at 8:35pm

बहुत बहुत आभार प्रिय जितेन्द्र | सस्नेह 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 8, 2015 at 4:55pm

मीना दी आप ने मनोहारी चित्र खींचा है इस गीत में आप को बहुत बधाई 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 8, 2015 at 12:29pm

आदरणीया मीना पाठक जी ,बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ,बधाई प्रेषित ! सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 8, 2015 at 11:22am

होली पर विरह वेदना को बहुत सुंदर भाव दिए आपने, आदरणीया मीना दीदी. बहुत-बहुत बधाई

Comment by Meena Pathak on March 7, 2015 at 10:19pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नारायन जी | सादर 

Comment by Meena Pathak on March 7, 2015 at 10:19pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय गोपाल नारायण जी | सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on March 7, 2015 at 5:15pm

बहुत सुंदर रचना बधाई आपको , एवं होली की हार्दिक शुभकामनायें । 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 6, 2015 at 11:26am

आ० मीना जी

अच्छी रचना है i भावपूर्ण i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service