For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिंदगी को सब प्यार करते है ,
इसलिए नहीं कि वह हमें जीने का मौक़ा देती है ,
बल्कि इसलिए कि वह हमें प्यार से जीने का मौक़ा देती है,
प्यार करने , प्यार बांटने और प्यार में रहने का मौक़ा देती है ,
प्यार है तो जिंदगी में कोई बोझ बोझ नहीं है ,
प्यार नहीं है तो जिंदगी से बड़ा कोई बोझ नहीं है ,
हम जिंदगी के लिए जीना नहीं चाहते हैं ,
हम प्यार के लिए जीना चाहते हैं,
हम प्यार के लिए जिंदगी चाहते है ,
इसीलिये हम सब जिंदगी को प्यार करते है .

हैपी वैलेंटाइन डे ,


डॉO विजय शंकर



मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 573

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 16, 2015 at 12:14pm
प्रिय जीतेन्द्र जी, आभार, सादर।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 16, 2015 at 12:09pm

कुछ ही पंक्तियों में जीवन में प्यार की महत्वता को बहुत सुन्दरता से बयां किया, आपने आदरणीय डा.विजय जी. सादर नमन

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 16, 2015 at 10:49am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, आभार , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 16, 2015 at 10:30am

आदरणीय विजय भाई ,  बहुत प्यारी रचना हुई है , बधाइयाँ ॥

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 16, 2015 at 9:17am
आदरणीय मोहन सेठी जी , आभार, सादर।
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on February 16, 2015 at 6:52am

बहुत सुंदर ....प्यार ही तो जीवन है ....

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 15, 2015 at 11:25pm
आदरणीय उमेश कटारा जी , आपका आभार, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on February 15, 2015 at 11:24pm
आदरणीय इंजी O गणेश जी बागी जी , आपका आभार, दिल है तो मांग भी सकता है, मोर और मोर ……
सादर।
Comment by umesh katara on February 15, 2015 at 4:06pm

प्यार है तो जिंदगी में कोई बोझ बोझ नहीं है ,
प्यार नहीं है तो जिंदगी से बड़ा कोई बोझ नहीं है ,वाह बढिया साहब


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 15, 2015 at 3:33pm

आदरणीय डॉ साहब, ये दिल मांगे मोर ............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service