For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हास्य घनाक्षरी : ईलाज (गणेश जी बागी)

छंद : घनाक्षरी 

झट छायी चिंता-रेखा,

नीला-नीला पाँव देखा,
पहुँचे करीम चच्चा, शफ़ाख़ाना आस में.

देखते हकीम बोला,

पाँव में ज़हर फैला,
दोनों पाँव काट डाले, ज़िन्दग़ी की आस में.

बात हुई ज़ल्द साफ़,

कट गये पर पाँव,
डरता हकीम आया, चच्चा जी के पास में.

सुनो जी करीम भाई,

बात ये समझ आई,
लुंगी रंग छोड़ रही, बोला एक साँस में. :-)))))))))

(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट => अतुकांत कविता : केसर के फूल

Views: 1398

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 1, 2015 at 3:09pm

आदरणीय गणेश भाईजी,

मज़ा आ गया इस हास्य घनाक्षरी को पढ़कर। हार्दिक बधाई । बड़ी दूर की सोच है आपकी। लुंगी डांस वाले भी सहम गये होंगे।

सस्ती लुंगी , नीम हकीमी, हो गया बंटाढार ।

करीम मियाँ विकलांग हुए, हकीम मियाँ गिरफ्तार ॥ 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 24, 2014 at 8:42pm

सुनो जी करीम भाई,

बात ये समझ आई,
लुंगी रंग छोड़ रही, बोला एक साँस में. :-)))))))))

पढ़ते पढ़ते हंसी आ ही गयी ....ग़जब !!!! आदरणीय बागी जी... आपकी रचना अक्सर गुदगुदाते हैं....सादर!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 24, 2014 at 1:53pm

घनाक्षरी आपको गुदगुदा सकी, लेखन कर्म सार्थक हुआ, बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 24, 2014 at 1:52pm

प्रतिक्रिया हेतु आभार आदरणीय राहुल डांगी जी .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 24, 2014 at 1:51pm

आदरणीया छाया शुक्ला जी, यदि यह रचना हास्य के महारथी काका हाथरसी की याद दिला दी तो रचना सफल और लेखन कर्म सार्थक हो गया, उत्साहवर्धन हेतु हृदय से आभार .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 24, 2014 at 10:57am

हाहाहा ....हँसी का फव्वारा छोड़ती हुई प्रस्तुति वाह आ० गणेश जी ,जबरदस्त हास्य घनाक्षरी ..बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 23, 2014 at 10:52pm
वाह सर वाह बहुत सुन्दर
Comment by Chhaya Shukla on December 23, 2014 at 9:00pm

ह्ह्ह्हह ! फुलझड़ियाँ याद आ गईं आ. हाथरसी जी की खूब सारी बधाई इस हास्यरस प्रस्तुती पर सादर नमन !
आ. गणेश जी बागी भाई जी !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 23, 2014 at 5:25pm

आदरणीय गिरिराज भाई साहब, सराहना और उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभार व्यक्त करता हूँ .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 23, 2014 at 5:24pm

आदरणीय खुर्शीद खैराडी जी, यह रचना आपको गुदगुदा सकी, सृजन सार्थक हुआ, आभार .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service