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ग़ज़ल -उमेश कटारा------नाम जिसके मेरी जिन्दगानी लिखी है

212 212 212 212
---------------------------
नाम जिसके मेरी जिन्दगानी लिखी है
कतरे कतरे में वो ही दिवानी लिखी है

आखिरी साँस तक आह भरता रहूँ मैं
इस तरह से ये उसने कहानी लिखी है

मैं बदलता रहा उम्र भर आशियाँ
फिर भी तस्वीर दिल में पुरानी लिखी है

कैसे भूलूँ उसे मै बताओ मुझे
नाम जिसके ये मेरी जवानी लिखी हैे

याद करता रहूँ मैं हमेशा उसे
इसलिये आँसुओं की निशानी लिखी है

मौलिक व अप्रकाशित 
उमेश कटारा

Views: 662

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Comment by umesh katara on November 15, 2014 at 9:07am

शुक्रिया Vandana जी

Comment by umesh katara on November 15, 2014 at 9:07am

शुक्रिया Somesh Kumar जी 

Comment by somesh kumar on November 15, 2014 at 9:02am

सुंदर गज़ल 

Comment by vandana on November 15, 2014 at 4:57am

बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय उमेश जी 

कृपया ध्यान दे...

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