For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ममी बिस्कुट "22 महीने की उस बच्ची ने तुतलाती आवाज में कहा ।
माँ के बोलने से पहले ही दादी चीखी
" हाँ खिला न बिस्कुट यहा तो तेरे बाप ने पैसे रखे है । 3 बेटियाँ पैदा कर दी । अब तो जिन्दगी भर खिलाना ही है कुतिया कही की ...."
"माँजी गाली मत दो"
"अरे कलमुँही बकरी की तरह लडकियों की रेवड फेला दी और मुझसे जबान लड़ाती है । "
"बच्चे तो भगवान की देन है "
"तो उसी भगवन से इक बेटा क्यों न ले आई ।"
शाम को
"अरी ओ अभागन ! कमरे में मर गई क्या ? इन बकरियों की मेमे को तो बंद करा दे । "
"तीन बेटियाँ क्या मेरा सर खाने के लिए पैदा की थी ...कही जाकर मरती भी नही "
"हाँ मार लो मर ही जाये तो ठीक 2 ही तो बची है ये भी मर जाएगी
"क्यों इक को क्या खा गई या मइके में दे आई "
" कुएँ में फेंक आई.... हाय मेरी बिटिया । "
"अरे नासपीटी ये का कियो रे ..अरे बेटा जल्दी आ रे .. इसने छुटकी को मार डालो रे ...."

मौलिक व अप्रकाशित
किशन

Views: 500

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 13, 2014 at 10:50pm

इस कथा के माध्यम से सुलगती हुई सच्चाई सामने आयी है. विकृति जब अंदर हो तो बाहर के सारे प्रयास बेमानी हैं.

एक अच्छे प्रयास के लिए हृदय से शुभकामनाएँ

Comment by Shubhranshu Pandey on November 2, 2014 at 7:36pm

आदरणीय किशन कुमार जी,

मार्मिक कथा. बालिका पर अत्याचार एक महिला ही करती है.

सादर.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 9:24am

मर्मस्पर्शी रचना. बधाई आदरणीय किशन जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 1, 2014 at 8:26am

आज के जीवंत समस्या को बहुत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है आपने ,  बहुत सुन्दर , बहुत बधाइयाँ ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 30, 2014 at 11:27pm

घटना अत्यंत दहला देने वाली है. इस तरह से साझा करने के लिए धन्यवाद, भाईजी.

यह अवश्य है, कि, इसे और बेहतरढंग से प्रस्तुत किया जा सकता था. लेकिन इतने पर भी कथा प्रभावी है.

शुभकामनाएँ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 29, 2014 at 9:42pm

उफ्फ्फ़ बहुत मार्मिक किन्तु एक ऐसा सच जिससे हम सब वाकिफ़ हैं और जिसके विरुद्ध आवाज भी उठा रहे हैं न जाने स्थिति कब सुधरेगी ...बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुति दी है अंत तो झकझोर कर रख देता है बढ़िया लघु कथा  हेतु बधाई आपको किशन कुमार जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service