For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत : जीवन चुपके से बीत गया*

*जीवन चुपके से बीत गया*

जीवन का जो पल बीत गया
जो पल जीने से शेष रहा
पहचान नहीं कर पाया मन,
पल धीरे धीरे रीत गया
जीवन .....

ऐसे जी लूँ वैसे जी लूँ
जीवन कैसे कैसे जी लूँ
तैयारी मन करता ही रहा,
रोज लिखूँ कोई गीत नया।
जीवन....

सब अंधी दौड़ के प्रतियोगी
योगी मन भी बनते भोगी
अजब निराली मन की तृष्णा,
जब भी जीती मन भीत गया।
जीवन.....

खुद को जानूँ जग को मानूँ
जीवन रहस्य सब पहचानूँ
जग सृजक रहा फिर अनजाना,
वह अंतिम पल फिर जीत गया।
जीवन....
सीमा हरि शर्मा 16.10.2014
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 657

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seemahari sharma on October 20, 2014 at 12:06pm
Mahima Shree आपकी प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ। ह्रदय से धन्यवाद।
Comment by MAHIMA SHREE on October 19, 2014 at 7:22pm

खुद को जानूँ जग को मानूँ
जीवन रहस्य सब पहचानूँ
जग सृजक रहा फिर अनजाना,
वह अंतिम पल फिर जीत गया।.....वाह बहुत सुंदर ..शुरुआत से अंत तक ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको 

Comment by seemahari sharma on October 19, 2014 at 10:32am
बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी आपने रचना को पसंद किया
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 10:07pm

*जीवन चुपके से बीत गया* - वाह ! बहुत सुंदर और सार्थक गीत रचना हुई है | हार्दिक बधाई आद सीमा हरी शर्मा जी 

Comment by seemahari sharma on October 18, 2014 at 2:41pm
आदरणीय Sharadindu Mukerji यह रचना मैंने बहुत पहले लिखी थी गलती से 2013 लिख गया है 16.10.2014 होना चाहिए था इसी दिन पोस्ट की थी। बहुत बहुत आशीर्वाद रचना को आपका आशीवाद मिला।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on October 18, 2014 at 1:40am
आदरणीया, मन प्रसन्न कर देने वाली रचना नि:सृत हुई है आपकी लेखनी से.क्या इसे आपने ठीक एक साल पहले लिखा था या कि नीचे दिए गए तारीख में ग़लती से 2013 लिखा गया है!! सादर.
Comment by seemahari sharma on October 17, 2014 at 9:28pm
ह्रदय से धन्यवाद rajesh kumari जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना लिखना सार्थक रहा।
Comment by seemahari sharma on October 17, 2014 at 9:25pm
Somesh Kumar जी बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by seemahari sharma on October 17, 2014 at 9:20pm
बहुत बहुत शुक्रिया Shyam Narain Verma जी।
Comment by seemahari sharma on October 17, 2014 at 9:18pm
भाई जितेन्द्र 'गीत' बहुत बहुत धन्यवाद गीत को आपने सराहा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
24 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service