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क्या भूलूँ क्या याद करूँ ?

क्या भूलूँ क्या याद करूँ ?
सब परछाईं सा लगता है

कब पूछा किसने हाल मेरा
किसने मुझ को दुलराया था
हर काम यहाँ मेरा नसीब
सब कुछ हमको ही करना था

क्या बोलूँ क्या न बोलूँ ?
बस मौन साध के रहना है

घर छोड़ के आई बाबुल का
सोचा ये आँगन मेरा है
पर कोई नहीं जिसे अपना कहूँ
है देश यहाँ बेगानों का

क्या सोचूँ क्या ना सोचूँ ?
बस चंद दिनों का मेला है

सब जन करते निंदा मेरी
करना था वो करती आई
गर फिर भी पात्र हूँ निंदा की
तो सिर आँखों पर निंदा मेरी

क्या देखूँ क्या ना देखूँ ?
ये जग तो सिर्फ छ्लावा है

बस मौन रहो कर्तव्य करो
मत सोच सराहा जाएगा
रिश्तों की ठेलम-ठेला जग
अपने मन में संतोष करो

मौलिक व अप्रकाशित

कल्पना मिश्रा बाजपेई

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Comment

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Comment by kalpna mishra bajpai on July 18, 2014 at 3:41pm

आ0 भण्डारी जी आप ने बिलकुल सही कहा आगे से ध्यान रखूंगी । बहुत शुक्रिया /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on July 18, 2014 at 3:40pm

आदरणीय भ्रमर जी बहुत बहुत आभार होंसला बढ़ाने के लिए/सादर 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 26, 2014 at 2:51pm

बस मौन रहो कर्तव्य करो
मत सोच सराहा जाएगा
रिश्तों की ठेलम-ठेला जग
अपने मन में संतोष करो


आदरणीया कल्पना जी ..बड़ा दुःख होता है ऐसे वक्त जब आप के काम नजरअंदाज किये जाएँ ...उत्साह बढाती अच्छी रचना
भ्रमर ५


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 23, 2014 at 10:05pm

आदरणीया कलपना जी , सकारात्मक विचारों को जगाता आपकी गीत रचना के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ !! मात्रायें अलग अलग पंक्ति मे अलग अलग लग रही हैं , जिसके कारण गेयता मे कुछ कमी लग रही है ॥

Comment by kalpna mishra bajpai on May 22, 2014 at 3:14pm

आ० राजेन्द्र जी बहुत आभार आप का /सादर

Comment by kalpna mishra bajpai on May 22, 2014 at 3:13pm

आ० जितेंद्र जी हार्दिक शुक्रिया /सादर

Comment by राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' on May 22, 2014 at 10:48am

उम्दा अभिव्यक्ति ......................बेहतरीन प्रेरणा दायक पंक्तियां ..................बस मौन रहो कर्तव्य करो
मत सोच सराहा जाएगा
रिश्तों की ठेलम-ठेला जग
अपने मन में संतोष करो

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 22, 2014 at 10:01am

बहुत मर्मस्पर्शी रचना, हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया कल्पना जी

Comment by kalpna mishra bajpai on May 21, 2014 at 3:09pm

आ० अरुण जी हार्दिक आभार /सादर

Comment by kalpna mishra bajpai on May 21, 2014 at 3:08pm

आ० शिज्जु जी हार्दिक आभार /सादर

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