For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वागतम सोलह मई........अरुण कुमार निगम

सोलह की महिमा में सोलह पंक्तियाँ ...............

सोलह -सोलह लिये गोटियाँ,खेल चुके शतरंजी चाल
सोलह - मई बताने वाली ,किसने कैसा किया कमाल


सोलह कला सुसज्जित कान्हा ने छेड़ी बंसी की तान
सबका जीवन सफल बनाने,सिखलाया गीता का ज्ञान


मानव जीवन में पावनता , मर्यादा के हैं आधार
ऋषियों मुनियों के बतलाये, जीवन में सोलह संस्कार


सोलह - सोमवार व्रत करके , पाओ मनचाहा भरतार
सोलह आने जब मिल जाते, तब लेता रुपिया आकार


उम्र शुरू हो सोलह की तो , आता अपने आप निखार
बीत गई तब जीवन भर के , साथी हैं सोलह श्रृंगार


सोलह चंद्र - कलायें होतीं, तब दुल्हन सी सजती रात
बरगद - पीपल हरदम कहते, सोलह आने सच्ची बात


सोलह - सोलह मात्राओं की, चौपाई मन खूब सुहाय
सोलह – सोलह वर्णों वाली,रूप – घनाक्षरी मन भाय


सोलह की महिमा को गाये,दुर्ग-नगर का अरुण कुमार
छंद आपके मन भाया तो, प्रकट कीजिये मित्र विचार ||

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 833

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by mrs manjari pandey on June 15, 2014 at 9:57pm
अरुण निगम जी सोलह आने बधाइयां। पहले जी शब्द जल्दी जल्दी में छूट गया था
Comment by mrs manjari pandey on June 15, 2014 at 9:55pm
उम्र शुरू हो सोलह की तो , आता अपने आप निखार
बीत गई तब जीवन भर के , साथी हैं सोलह श्रृंगार


अरुण निगम सोलह आने बधाइयां।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 20, 2014 at 10:54am

वाह ! सोलह की गाथा बहुत खू, बहुत सुन्दर | वाह ! वाह ! -

सोलह की है महिमा न्यारी, नारी करे सोलह श्रृंगार,

जिसके भी संगत में आये, उसका भी हो रूप निखार | -लक्ष्मण  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 19, 2014 at 8:30pm

आदरणीय अरुण भाई , सोलह पर आपने सोलह आने रचना की है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 18, 2014 at 8:26pm

सोलह आने बात सही है अरुण बताएं सच्ची बात.
बहुतो को तो खुशी मिली है, बहुतों ने पाये आघात!
सोलह की गाथा बड़ी प्यारी लगी बहुत बहुत बधाई!

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 17, 2014 at 12:05pm

सोलह पर सुंदर छंद रचे, भ्राता श्री अरुण कुमार।

सोलह बार बधाई मेरी, दिल से करें स्वीकार  ॥

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 5:20pm

अहा अहा जय हो गुरुदेव श्री अत्यंत मधुर मनभावन मनमोहक हृदयस्पर्शी छंद अनुपम तरीके से महिमा गान हुआ है. हृदयतल से भूरि भूरि बधाई स्वीकारें आदरणीय गुरुदेव श्री.

Comment by coontee mukerji on May 15, 2014 at 7:36pm

अपनी रचना के माध्यम से आपने बहुत ही सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किये हैं. सोलह की महिमा अपरम्पार.अरूण जी. यह रचना हर किसीके लिये पठनीय व ज्ञानवर्धक कै. हार्दिक बधाई. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 15, 2014 at 5:34pm

आदरणीय अरुण सर सोलह पर आपके विचार बहुत अच्छे लगे अभी सोलह का सभी को इंतज़ार है इस सोलह के लिये आपको बहुत बहुत बधाई

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:19pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति  आदरणीय अरुण निगम सर। ।बहुत बहुत बधाई आपको। सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर कुंडली छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" "पर्यावरण" (दोहा सप्तक) ऐसे नर हैं मूढ़ जो, रहे पेड़ को काट। प्राण वायु अनमोल है,…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। पर्यावरण पर मानव अत्याचारों को उकेरती बेहतरीन रचना हुई है। हार्दिक…"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण पर छंद मुक्त रचना। पेड़ काट करकंकरीट के गगनचुंबीमहल बना करपर्यावरण हमने ही बिगाड़ा हैदोष…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"तंज यूं आपने धूप पर कस दिए ये धधकती हवा के नए काफिए  ये कभी पुरसुकूं बैठकर सोचिए क्या किया इस…"
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार। त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।। बरस रहे अंगार, धरा…"
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' joined Admin's group
Thumbnail

धार्मिक साहित्य

इस ग्रुप मे धार्मिक साहित्य और धर्म से सम्बंधित बाते लिखी जा सकती है,See More
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"गजल (विषय- पर्यावरण) 2122/ 2122/212 ******* धूप से नित  है  झुलसती जिंदगी नीर को इत उत…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सादर अभिवादन।"
17 hours ago
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service