For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक प्रयास मित्रों !!! 
******(लोक-गीत)*******

गीतु लिखे वियोग मअ..अगन के |
जलत रातु -दिनु..बिनु सजन के ||

आए अबके न सावनु झूम के |
बौराए अबके न डारि अम्बुआ के |
भीज गयी असुअन.. हिचकारी रे |
जलत रातु -दिनु ..बिनु सजन के |
गीतु लिखे वियोग मअ.. अगन के ||

आगु लगे ..संगिनी -साथिन के |
बैठे राहें तन्हा..अँधेरिया अटारी पे |
फूटि पड़े..अंगु -अंगु..सिथुलाई रे |
जलत रातु -दिनु ..बिनु सजन के |
गीतु लिखे वियोग मअ .. अगन के ||

निंदिया.. रूठि रहि.. मनुहारि के |
सेज लगे नाग सी ..फुंफुकारी के |
अब सहे न जाई विरहा ये जुदाई रे |
जलत रातु -दिनु.. बिनु सजन के |
गीतु लिखे वियोग मअ.. अगन के ||

---------------अलका गुप्ता --------------


अप्रकाशित एवं मौलिक 

Views: 515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on May 1, 2014 at 11:51am

विरह भाव को जगाता सुंदर लोकगीत के प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया अलका जी

Comment by vijay nikore on April 28, 2014 at 11:34am

इस सुन्दर लोकगीत के लिए बधाई, आदरणीया।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 28, 2014 at 8:30am

मन मुग्ध करता सुन्दर लोक गीत | हार्दिक बधाई आदरणीया 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 26, 2014 at 3:30pm

आदरणीया अलका जी इस सुंदर लोक गीत के लिए तहे दिल बधाई के साथ सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 25, 2014 at 5:59pm

आदरणीया , सुन्दर लोक गीत के लिये आपको बधाई !!

Comment by coontee mukerji on April 25, 2014 at 4:13pm

बहुत सुंदर  लोक गीत है....इसे सुर ताल के साथ सुनने में बहुत ही अच्छा लगेगा....हार्दिक बधाई अलका जी.

Comment by Shyam Narain Verma on April 25, 2014 at 9:55am
सुन्दर गीत रचना के लिए बधाई ......................
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 24, 2014 at 3:51pm

आदरणीया अलका गुप्ता जी सादर, सुन्दर लोक-गीत की प्रस्तुति.सावन फागुन सब बीत गया. बहुत लम्बी जुदाई है. सादर बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 24, 2014 at 12:00pm

सुन्दर लोक गीत अलका जी ,बहुत- बहुत बधाई. 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 24, 2014 at 9:46am

बहुत सुंदर भाव से विरह-वेदना पर लोक-गीत लिखा आपने आदरणीया अलका जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
55 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
4 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service