For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिज्र में भी उसकी याद ……

हिज्र में भी उसकी याद ……

आज वो रहगुज़र ..हमें बेगानी सी लगती है
उनके वादों पे यकीं इक नादानी सी लगती है

इक वाद-ऐ-फ़र्दा के साथ उनका यूँ ज़ुदा होना
फिर इंतज़ार उनका इक कहानी सी लगती है

जिनकी आमद से ख़ल्वत जलवत हो जाती थी
दीद-ओ-दिल में वही मूरत .पुरानी सी लगती है

दम भरती थी जो सदा जन्नत तक साथ देने का
तसव्वुर में उसकी तस्वीर .अंजानी सी लगती है

आज मेरे ख्वाब में वो इक शरर बनके चमकी है
हिज्र में भी उसकी याद मुझे सुहानी सी लगती है


सुशील सरना

'' मौलिक एवं अप्रकाशित ''

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2014 at 5:07pm

 आदरणीय भुवन निस्तेज  जी  ग़ज़ल पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार -प्रतिक्रिया पर आभार में विलम्ब हेतु क्षमा 

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2014 at 5:06pm

 आदरणीया अनीता मौर्य   जी  ग़ज़ल पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार -प्रतिक्रिया पर आभार में विलम्ब हेतु क्षमा 

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2014 at 5:05pm

 आदरणीया राजेश कुमारी   जी  ग़ज़ल पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार -प्रतिक्रिया पर आभार में विलम्ब हेतु क्षमा 

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2014 at 5:04pm

 आदरणीया मीना पाठक  जी  ग़ज़ल पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार -प्रतिक्रिया पर आभार में विलम्ब हेतु क्षमा 

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2014 at 5:03pm

 आदरणीय गिरिराज  भंडारी जी  ग़ज़ल पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार -प्रतिक्रिया पर आभार में विलम्ब हेतु क्षमा 

Comment by भुवन निस्तेज on April 15, 2014 at 2:02pm

ढेरों बधाइयाँ.....

Comment by Anita Maurya on April 15, 2014 at 11:31am

क्या बात है !! बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 15, 2014 at 10:27am

बहुत सुन्दर भाव बढ़िया प्रस्तुति 

Comment by Meena Pathak on April 14, 2014 at 3:05pm

क्या बात ...... बहुत खूब ... बधाई | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 14, 2014 at 11:56am

आदरणीय सुशील सरन भाई , उम्दा गज़ल कही है , आपको हार्दिक बधाइयाँ !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ravi Shukla commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय बृजेश जी ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें ! मुझे रदीफ का रब्त इस ग़ज़ल मे…"
9 minutes ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह वाह आदरणीय  नीलेश जी उम्दा अशआर कहें मुबारक बाद कुबूल करें । हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा…"
13 minutes ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय  गिरिराज भाई जी आपकी ग़ज़ल का ये शेर मुझे खास पसंद आया बधाई  तुम रहे कुछ ठीक, कुछ…"
34 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. गिरिराज जी मैं आपकी ग़ज़ल के कई शेर समझ नहीं पा रहा हूँ.. ये समंदर ठीक है, खारा सही ताल नदिया…"
48 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अजय जी "
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service