For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ कह मुकरियाँ “ – प्रथम प्रयास ( गिरिराज भन्डारी )

कह मुकरियाँ – पाँच

*******************

मुझे छोड़ वो कहीं न जाये

इधर उधर की सैर कराये

साथ रहे जैसे हो  धड़कन

क्या सखि साजन , नहीं सखि मन

 

मुझको सच्ची राह दिखाये

सही गलत वो मुझे सुझाये 

मै, जाँ कह दूँगी, नहीं शरम

क्या सखि साजन . नहीं सखि धरम

                                 

जीते जी वो साथ न छोड़े

मर जाऊँ तो पीछे दौड़े

कर देता मेरी आँखें नम

क्या सखि साजन , नहीं रे करम 

                                 

मुझको हरदम राह भुलाये

पूछो तो कुछ नहीं बताये

जैसे कोई  उठाई  क़सम

क्या सखि साजन , नहीं सखि भरम

 

पास रहे तो बहुत सताये

बिना आग भी खूब जलाये

सब उल्टा कर दे  रहन सहन

क्या सखि साजन , नहीं सखि जलन 

 

मौलिक एवँ अप्रकाशित ( संशोधित )

 

Views: 755

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 26, 2014 at 9:54pm

आदरनीय सौरभ भाई , आपके शब्दों से बहुत राहत मिली , आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 7:14pm

इंगितों की सार्थकता से आपके बन्द विशिष्ट बन गये हैं. बधाई.. .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 24, 2014 at 6:13pm

आदरणीया प्राची जी , कह्मुकरियों के प्रथम प्रयास को आपकी सराहना मिली , बहुत खुशी हुई , आगे और बेहतर कहने का प्रयास

करूंगा ॥ प्रवाह को सुधारने के विषय मे कुछ सोच रहा हूँ , सूझते ही सुधार कर लूंगा ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 24, 2014 at 11:01am
कह मुकरियों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आ० गिरिराज भंडारी जी..ख़ास बात ये की आपने जिन आभासी संज्ञाओं मन धरम भरम करम जलन, को साजन के सापेक्ष जिस तरह रख कर देखा है उसने बहुत प्रभावित किया.. पदों की तीसरी पंक्तियों में आतंरिक शब्द संयोजन के कारण प्रवाह बाधित लगा

इस सार्थक प्रयास पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 13, 2014 at 7:06pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई , कह मुकरियों की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 13, 2014 at 7:05pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी , सराहना और उचित सलाह के लिये आपका आभारी हूँ , गेयता मे सुधार की कोशिश करूँगा ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 13, 2014 at 8:50am

बहुत ही सुंदर कह-मुकरियाँ कही आपने आदरणीय गिरिराज जी, आपको हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 12, 2014 at 11:28am

प्रथम प्रयास है ,पर सार्थक प्रयास है हार्दिक बधाई आपको .आ० अखिलेश जी ने जैसा  कहा  एक आध जगह प्रवाह बाधित है.पर आप उसे दुरुस्त कर लेंगे ये विश्वास है  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 11, 2014 at 9:16pm

आदरनीय नीरज नीर भाई , सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 11, 2014 at 9:15pm

आदरणीय बड़े भाई अखिलेश जी , कह मुकरियों की सराहना के लिये आपका  आभारी हूँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है
"धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .क्षमा सहित..आभार "
31 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आ. अजय जी इस बहर में लय में अटकाव (चाहे वो शब्दों के संयोजन के कारण हो) खल जाता है.जब टूट चुका…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर .ग़ज़ल तक आने और उत्साहवर्धन करने का आभार ...//जैसे, समुन्दर को लेकर छोटी-मोटी जगह…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।  अब हम पर तो पोस्ट…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service