For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1.
जो चाहते हो सब मिलेगा, कोशिश करके तो देख,
अंधेरा मिट जायेगा, एक दीप जला करके तो देख,
आंसू बहाने से कभी मंजिल नहीं है मिला करती,
तू मझधार में अपनी नाव कभी उतार करके तो देख।

2..
करके अहसान किसी पर जताया मत कीजिये,
अपने काम को दुनिया में गिनाया मत कीजिये,
मेरे बिना चलेगा नहीं यहां किसी का काम,
ऐसे विचार दिल में कभी लाया मत कीजिये।

3.
आओ अब अंधविश्वासों को भुला कर देखते है,
इस धरा पर प्रेम की गंगा बहा कर देखते है,
धर्म के ठेकेदारों ने सिखाया नफरत करना,
चलो अब नफरत की दीवार ढहा कर देखते है।

4.
अमीर बन जाओ भले ही पर बेज़मीर मत होना,
उम्मीदों की मंजिल जरुर मिलेगी अधीर मत होना,
चाहे लाख कांटे बिखेरे दुनिया तेरी राह में,
किसी की खुशियों की राह में तुम लकीर मत होना।

5.
भ्रष्टाचार अपने देश का एक इश्तिहार हो गया है,
काला धन नेताओं के दिल का करार हो गया है,
ईमानदारी व सच्चाई का हो रहा है उपहास,
छल कपट ही आज का बड़ा कारोबार हो गया है।

.
- दयाराम मेठानी

(मौलिक / अप्रकाशित)

Views: 912

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dayaram Methani on October 18, 2013 at 1:43pm

बहुत बहुत धन्यवाद कूनटी मुखर्जी जी, अरुण कुमार निगम जी, बृजेश नीरज जी, एवं सौरभ पांडे जी। आप सभी का बहुत बहुत आभार। 
- दयाराम मेठानी

Comment by coontee mukerji on October 18, 2013 at 12:56pm

करके अहसान किसी पर जताया मत कीजिये,
अपने काम को दुनिया में गिनाया मत कीजिये,
मेरे बिना चलेगा नहीं यहां किसी का काम,
ऐसे विचार दिल में कभी लाया मत कीजिये.......बहुत खूब.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on October 18, 2013 at 9:09am

आदरणीय दयाराम जी, आपको पहली बार पढ़ने का सौभाग्य मिला है, ओबीओ पर आपका हृदय से स्वागत है.मुक्तक पर सुंदर प्रयास हेतु बधाई स्वीकार कीजिये............

Comment by बृजेश नीरज on October 18, 2013 at 7:05am

आपकी कोई पहली रचना पढ़ रहा हूँ! आपको हार्दिक बधाई!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 18, 2013 at 12:52am

आपका मंच पर स्वागत है आदरणीय..

Comment by Dayaram Methani on October 17, 2013 at 11:41pm

बहुत बहुत धन्यवाद सुशील जोशी जी, बैद्यनाथ जी,  अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, गिरिराज भंडारी जी, सरिता भाटिया जी, अभिनव अरुण जी, शिजू शकूर जी। आप सभी का बहुत बहुत आभार। 
- दयाराम मेठानी

Comment by Sushil.Joshi on October 17, 2013 at 8:29pm

सार्थक भावों से सुसज्जित इस प्रस्तुति के लिए आपको दिली शुभकामनाएँ आदरणीय दया राम जी...

Comment by Saarthi Baidyanath on October 17, 2013 at 5:41pm

आदरणीय , एक से बढ़कर एक बढ़िया मुक्तक! बधाई :)

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on October 17, 2013 at 4:27pm

भ्रष्टाचार अपने देश का एक इश्तिहार हो गया है, 
काला धन नेताओं के दिल का करार हो गया है,

दयाराम भाई बधाई इस् सुन्दर मुक्तक की ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 17, 2013 at 1:55pm

आदरणीय दया राम मेठानी जी , बहुत सुन्दत मुक्तक की रचना की है आपने !!! हार्दिक बधाई स्वीकार करें !!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service