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आया सावन का मस्त महीना---

ये कैसी है चम् चम् चम् चम् ,

क्यों  बहक रहा है मन,

टूटकर घटा से बरसे पानी,

हो गयी है रुत मस्तानी,

चारो और छायी हरियाली ,

जंगल मनाने लगा दिवाली ,

ऐसे बहे ठंडी बयार,

सपनो से हो जाए प्यार,

तन से टपके सुगन्धित  पसीना ,

लो आया सावन का मस्त महीना !

तन की बजने लगी सितार ,

आँखें देखे सपने हजार,

अपने प्रियतम का करे इंतज़ार ,

जैसे कोई दुल्हन मस्तानी ,

कैसे खुद को काबू कर पाए ,

कैसे अपने दिल को समझाए ,

निंदिया यूँ बैरन हो जाए ,

कामनाये दिन रात जगाये ,

फिर भी उम्मीदे ऐसे चमके ,

जैसे चमके कोई नगीना ,

लो आया सावन का मस्त महीना !

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by annapurna bajpai on October 7, 2013 at 1:45pm

आदरणीय अनुराग जी सुंदर भावात्मक प्रस्तुति , बधाई आपको । 

Comment by Meena Pathak on October 7, 2013 at 12:36pm

बहुत बहुत बधाई स्वीकारें सुन्दर रचना हेतु 
सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 6, 2013 at 4:54pm

आदरणीय अनुराग भाई जी रचना पर आपका प्रयास बहुत ही अच्छा है भाव भी अच्छे पिरोये हैं किन्तु कसावट की कमी है. खैर प्रयास हेतु बधाई स्वीकारें.

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 6, 2013 at 3:22pm

आप सभी ने इस रचना को पसंद किया ! आभार सभी का , उम्मीद है की अपने लेखन कौशल का विकास कर सकूँगा !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 6, 2013 at 12:31pm

अच्छे भाव हैं आदरणीय अनुराग जी बधाई आपको


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 6, 2013 at 9:43am

रचना अच्छी हुई है किन्तु और कसने का प्रयास करें आदरणीय सैनी साहब, बधाई और शुभकामनाएं । 

Comment by Kapish Chandra Shrivastava on October 6, 2013 at 9:31am

आदरणीय सैनी जी , सावन के महीने का बेहद खूबसूरत चित्रण । बधाई !  

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 6, 2013 at 9:09am

आदरणीय अनुराग जी , सुंदर रचना,हार्दिक बधाई

Comment by रविकर on October 6, 2013 at 8:46am

बढ़िया भाव-
जीवंत कविता -
आभार आदरणीय-


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 7:49am

आदरणीय अनुराग भाई , सुन्दर रचना के लिये हार्दिक बधाई !!

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