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मेरी नजर से हाइकु ...

भाव दिल के
क्रमबद्ध सजाये
बनी कविता !!

तुकान्त लय
समान मात्रा गणना
बने मुुक्तक !!

तीन पंक्तियां
पंच सप्तम पंच
हाइकु शैली !!

विस्तृत भाव
भूमिकाबद्ध व्याख्या
बने कहानी !!

कम शब्दों में
दे सार्थक सन्देश
लघु कहानी !!

(मौलिक व अप्रकाशित)

प्रवीन मलिक ...

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Comment

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Comment by Parveen Malik on September 15, 2013 at 2:37pm
प्राची जी सादर अभिवादन

हाइकु पर विस्तृत जानकारी देने के लिए आभार स्नेह बनाये रखियेगा... धन्यवाद !

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 14, 2013 at 4:46pm

प्रिय परवीन मालिक जी ,

हायकू विधा पर सुन्दर प्रयास हुआ है..

स्वतंत्र अस्तित्व रखती हुई तीन पंक्तियाँ ५-७-५ में यह तो हायकू का शिल्प हुआ....लेकिन हायकू का कथ्य बहुत महत्वपूर्ण होता है...

हायकू वस्तुतः किसी भाव अतिरेक के क्षण को पूर्णता से समाहित करता हुआ होना चाहिये..जैसे किसी निःशब्दित एहसास को सांद्रता के साथ बांधा गया हो..

मूलतः हायकू प्रकृति पर लिखे जाते थे , पर अब इसने किसी भी विषय को समाहित किया जा सकता है.

हायकू में यदि प्रथम और तृतीय पंक्ति में समतुकान्तता हो तो गेयता बहुत प्रभाव्शानी तरह से हायकू को प्रस्तुत करती है.

आपकी कलम से और भी हायकू की प्रतीक्षा रहेगी 

सादर.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 14, 2013 at 12:00pm

आभार आदरणीया !

Comment by Parveen Malik on September 14, 2013 at 11:50am
बिलकुल सही कहा आदरणीय आपने .... कमियों से रुबरु कराइये ताकि कुछ सुधार कर सकूँ ... अच्छा लगा आपने कमी को इंगित किया और सुधारा भी ... भविष्य में ध्यान रहेगा ... सादर धन्यवाद आदरणीय !

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 14, 2013 at 10:52am

आदरणीया प्रवीण मलिक जी, हाइकू अच्छे लगें, एक हाइकू में तनिक सा लेकिन है |

कम शब्दों में दे सार्थक सन्देश => यह एक ही पॅक्ति जैसा है ना ?

लघु कहानी !!

यदि ज़रा सा सुधार करें .....

कम हो शब्द,
दे सार्थक सन्देश
लघु कहानी !!

बधाई इस प्रस्तुति पर |

Comment by Parveen Malik on September 13, 2013 at 10:48pm
सादर धन्यवाद डॉ अनुराग सैनी जी !
Comment by Parveen Malik on September 13, 2013 at 10:47pm
अन्नपूर्णा जी आपका सादर धन्यवाद अपना कीमती समय देने के लिए ...
Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 13, 2013 at 9:21pm

मैं नियमो के आधार का मोहताज नही ,

न ही गाफिल हूँ फ़लक की ऊँचाई से !   बहुत अच्छी शुरुआत 

Comment by annapurna bajpai on September 13, 2013 at 5:49pm

अच्छा प्रयास बधाई आपको  आ0प्रवीन जी । 

Comment by Parveen Malik on September 13, 2013 at 5:25pm
अरुन जी बिल्कुल हम ध्यान देंगे ... सादर धन्यवाद !

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