मौलिक / अप्रकाशित
हाकी काकी सी सरस, क्रिकेट बुआ हमार |
राखी भैया-द्वीज पर, पा विशेष उपहार |
पा विशेष उपहार, हार हीरों का पाई |
जाए हीरो हार, करोड़ों किन्तु कमाई |
काकी का कर्तव्य, करे नित सेवा माँ की |
लेडी मेवा खाय, खूब चीयर हा हा की ||
Comment
बहुत बहुत आभार आप सभी का-
सादर
सुंदर कुंडलियाँ, बधाई स्वीकार करें आदरणीय रविकर जी
सुन्दर कटाक्ष करती कुण्डलियाँ , अब तो जेंटल मेन गेम में खिलाड़ी पीच पर पेशाब करने लगे.
आदरणीय , बहुत अच्छी कुंडलिया की रचना हुई !!
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ. |
जय हो आदरणीय बेहद सुन्दर व्यंग कसा है आपने बेहतरीन कुण्डलिया छंद सत्य सटीक सुन्दर हार्दिक बधाई स्वीकारें.
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