For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अनेकता में एकता --अपना भारत

अनेकता में एकता --अपना भारत

प्रिय दोस्तों और  ..मेरे नन्हे मुन्ने मित्रों आप सब को भ्रमर की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं ...

 

मेरा भारत महान है , हम सब की शान है अपनी जान हैं  गौरव है यह एक  शब्द नहीं है अपितु हर भारतवासी  के दिल की धड़कन  है। ये अपनी पहचान है। हम इस पवित्र भूमि में पैदा हुए हैं। हमारे लिए यह उतना  ही  महत्त्वपूर्ण है जितना कि हमारे माता-पिता हम सब के लिए । भारत केवल  एक भू-भाग का नाम नहीं है बल्कि  यह हो इस  भू-भाग में बसे लोगों, उसकी संस्कृति, उसकी सभ्यता, और उसके  रीति-रिवाजों, तथा इस के  अमूल्य और अमर इतिहास का नाम है। भारत के भौगोलिक रूप की बात अगर हम करें तो  यह एक विशाल देश है जिसके  उत्तर में पर्वत राज हिमालय  है तो दूसरी ओर दक्षिण में अथाह सागर लहरा रहा  है। पश्चिम में रेगिस्तान का मरुस्थल है तो  तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। ये सभी  इसकी स्थिति को बहुत ही मजबूत और  प्रभावशाली बनाए हुए है। भारत में जगह-जगह पर्वत मालाएं , हरे भरे जंगल, हरे-भरे मैदान, रमणीय और दर्शनीय  स्थल, सुन्दर समुद्र तट, देवालय हमारे चारों धाम आदि इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। उत्तर की तरफ जहां एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है, तो दूसरी ओर दक्षिण में सागर की सुन्दरता , यहाँ अनगिनत सरिता बहती हैं जो अपने स्वरूप द्वारा इसको अनोखा और दिव्य स्वरुप  प्रदान करती हैं।

ये भारत भूमि पर कल कल करती नदियाँ हर  भारतीय के लिए माँ के समान पूज्यनीय और वन्दनीय है।  ऊँची ऊंची पर्वत की चोटी  भारत की शान में चार चाँद लगाती हैं और विश्व में अपना स्थान रखती हैं । हमारे  भारत की सभ्यता संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी पावन भूमि ने अनेकों सभ्यताओं और संस्कृतियों को जन्म दिया है। इसने केवल एक संस्कृति का पोषण नहीं किया बल्कि इसने  अनेकों संस्कृतियों को आँचल की छाया में पाल-पोस कर महान संस्कृतियों के रूप में खड़ा किया  है।हमारे  इस भारतवर्ष की भूमि ने प्रभु  राम और मन मोहन  कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया बल्कि बड़े बड़े नेताओं जैसे महात्मा गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महान विभूतियों चन्द्र शेखर आजाद , सरदार बल्लभ भाई , भगत सिंह, पृथ्वीराज चौहान जैसे अनेकों शहीदों और महापुरूषों को जन्म दिया है, जिन्हें हम सदा सदा और शत शत नमन करते हैं ।हमारे प्रिय  भारत में लाख विभिन्नता होते हुए भी  एकता के दर्शन होते हैं। इस तरह से अपना ये भारत अनेकों गुणों से सज्जित है  हम कह सकते हैं कि भारतवर्ष का स्वरूप जितना भव्य और विशाल है, चौड़ी छाती है , जो आततायियों का काल है , दुर्गा और चंडी का रूप है तो इसका  मन उतना ही उन्नत, शहनशील , प्रेम से परिपूर्ण  और उदार है।

हमारे प्रिय  भारत में विभिन्न धर्म व जातियाँ साथ साथ रहते हैं तरह तरह की  भाषाएँ एक दूसरे  को  दिलों से बांधे हुए हैं  इन भाषाओँ में एक सुखद मिठास भरी है और सब एक दूसरे की भाषा को महत्त्व देते हैं और यहाँ अनगिनत भाषाएँ बोली जाती हैं। यहाँ की राज्यभाषा के रूप में एक तरफ हिन्दी को मान्यता प्राप्त है तो दूसरी तरफ हिन्दी, संस्कृत, मलयालम, मराठी, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, तेलगु, तमिल, कन्नड़, आदि अनेकों भाषाओं का समावेश और संगम भी है । अनगिनत महापुरुषों ने इस पावन भू पर  जन्म लिया है। यह देश विविध पावन स्थलों से भरा है।

 

इसका जितना भी गुण गान और बखान किया जाए कम हैं , आइये हम सब मिल इसकी शान को और बढायें , लिए तिरंगा चोटी पर चढ़ते जाएँ,  ना घबराएं किसी की भृकुटी अगर इस देश पर उठे तो ऐसे गरजें की सब थर्राएँ ......अपनी संस्कृति अपनी पहचान ...वचपन से दे दें  ये सीख ..आने वाली पीढ़ी को सुसंस्कृत कर ज्ञान दिलाएं ...और हम विश्व गुरु बन कर दिखलायें ....

 

हम यह गर्व से कह सकते हैं की यह एक तपस्थली है  इसका हर रज कण ,  कण-कण पावन और पूजनीय है। हम सब को  अपने भारत देश पर नाज है , गर्व है। अनेकता में एकता की  छवि लिए इस भारत भूमि को मैं नत-मस्तक हो साष्टांग  प्रणाम करता हूँ।

आइये हम प्रेम से बोलें ...

.जय हिन्द जय भारत

जय जवान जय किसान

और साथ साथ गा लें

 “सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा,

 हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलिस्तां हमारा।।”

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर ५'

वर्तमान-कुल्लू , हिमाचल

(प्रतापगढ़ भारत से )

----------------------------

Views: 11724

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 26, 2013 at 5:53pm

आदरणीय सौरभ जी जय श्री राधे ...सत्य वचन आप के ...आज की पीढ़ी नकारात्मक तो बहुत कुछ देख रही और सीख रही है जरुरत है धनात्मक दिशा देने की ... संस्कार देने की
आभार आप का
भ्रमर ५


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2013 at 12:07pm

आदरणीय भ्रमर जी, आपका आलेख रुचिपूर्ण और सार्थक है.

देश के प्रति बालक-बालिकाओं को सकारात्मक रूप से बताना आज के माहौल में और भी जरुरी है. बहुत-बहुत धन्यवाद.

सादर

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 17, 2013 at 5:14pm

प्रिय विजय मिश्र जी बहुत ही सुन्दर शब्दों में आप ने अपने भारत देश के मान में लिखे इस लेख को सराहा और प्रोत्साहन दिया आप की बातें अक्षरसः सत्य हैं हमारे भावी पीढ़ी को विकास की ऊंचाइयों पर कदम रखना चाहिए पर अपनी संस्कृति को दरकिनार कतई नहीं करना चाहिए जो संसार में हमारी अलग पहचान रखता है
आभार
भ्रमर ५

Comment by विजय मिश्र on August 17, 2013 at 10:23am
आपने सरल शब्दों में गर्वोन्नत भारत की विविधताओं में ऐक्य का सांस्कृतिक समारुपन और इसकी उत्कृष्टताओं का परिचय भी दिया जो आज के युवा और बाल पीढ़ी केलिए ,जो यथार्थ से विलग एक प्रायोजित प्रदूषण के शिकार है और इस महान राष्ट्र की अवधारणाओं के संदर्भ में दिकभ्रमित भी ,ज्ञान दर्पण से कम नहीं .साधुवाद सुरेन्द्र 'भ्रमर'जी .
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 16, 2013 at 8:09pm

आदरणीया विनीता शुक्ल जी इस भारत माँ के मान में लिखे इस लेख को आप ने सराहा सुन ख़ुशी हुयी आभार आप का
भ्रमर ५

Comment by Vinita Shukla on August 16, 2013 at 2:33pm

स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर, समयानुकूल और प्रेरक लेख. बधाई एवं साधुवाद.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service