दोस्तों, पिछले डेढ़ महीने, मंच से नादारद था ... एक ताज़ा ग़ज़ल के साथ पुनः हाज़िरी दर्ज करता हूँ ....
प्यास के मारों के संग ऐसा कोई धोका न हो
आपकी आँखों के जो दर्या था वो सहरा न हो
उनकी दिलजोई की खातिर वो खिलौना हूँ जिसे
तोड़ दे कोई अगर तो कुछ उन्हें परवा न हो
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
परा ज़रा यह देखिए इसमें कोई रहता न हो
पत्थरों की ज़ात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो
ज़िंदगी से खेलने वालों जरा यह कीजिए
ढूढिए ऐसा कोई जो आखिरश हारा न हो
वीनस केसरी
मौलिक एवं अप्रकाशित
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन / फ़ाइलान
Comment
हाँ , वीनस भाई, सादर
आपसे पूछे बिना - की कोशिश की है, शायद पसंद आये, दोनों अशआर अच्छे हैं, इसलिए छोकर देख लिया। सादर
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
झांक कर यह देखिए इसमें कोई रहता न हो
पत्थरों की बात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो
इतने लम्बे अरसे के बाद आपके पुनरागमन पर आपका स्वागत है ..आपकी ग़ज़लों से बंचित रहे इसका खेद था ..आज इस बेहतरीन ग़ज़ल से आपने वो तमाम कमी पूरी कर दी ..आदरनीय सौरभ जी को जो शेर पसंद आया उसी शेर ने मुझे भी बेहद प्रभाबित किया ..ढेर सारी बधाई के साथ
ग़ज़ल की दुनिया में आना मेरे लिए होनी भर है. लेकिन खींच-खांच कर खुद को खखोरता रहता हूँ. इस खखोरन के क्रम में मेरी जो समझ बनी है वो यही है कि कोई दिलजला ही सफल ग़ज़लकार हो सकता है. भले दिल का जलना सोच से हो, अनुभव से हो या सापेक्ष व्यवहार से हो.
भाई आप इस दफ़े पूरे दिलजले लगे हैं.
सारे अशार अपनी जगह, इस शेर को निभा ले जाना मज़ाक है क्या -
पत्थरों की ज़ात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो..
ग़ज़ब ग़ज़ब गज़ब
दाद क्या दूँ, अभी वाह-वाह करने दीजिये.
बहुत खूबसूरत गज़ल कही है वीनस जी
बहुत बहुत शुभकामनाएँ
आपका इंतजार था सच मे इंतजार का फल मीठा होता है ....
एक और उम्दा ग़ज़ल ..
आफरीन आफरीन श्री वीनस जी !!
बेहद उम्दा ,दिल छू लेने वाले कलाम से नवाज़ा ..जनाब बहुत बहुत शुक्रिया ..हर शेर लाजवाब कसा हुआ क्या कहने ..
और शेर पर मेरी और से दिली मुबारकबाद -
पत्थरों की ज़ात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो
वाह वाह !!
आदरणीय वीनस भाई जी इतने महीनो से आपने हम सबको अपनी ग़ज़लों से वंचित रखा इस कष्ट तो था किन्तु आपकी इस शानदार लाजवाब ग़ज़ल नें सारा कष्ट दूर कर दिया, भाई जी सभी के सभी अशआर बहुत ही सुन्दर और धारदार हुए हैं किन्तु इस शेर ने ह्रदय लूट लिया भाई इस शेर हेतु विशेषतौर से बधाई स्वीकारें.
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
परा ज़रा यह देखिए इसमें कोई रहता न हो... वाह वाह वाह इस शेर की सादगी लूट गई.
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
परा ज़रा यह देखिए इसमें कोई रहता न हो
पत्थरों की ज़ात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो,,,,,,,,बहुत सुंदर! वीनस जी हार्दिक बधाई
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
परा ज़रा यह देखिए इसमें कोई रहता न हो | वाह वाह !!!
खूबसूरत ग़ज़ल भाई जी !
दिली दाद क़ुबूल कीजिये |
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