For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मत्तगयन्द सवैया - अरुन शर्मा 'अनन्त'

आदि अनादि अनन्त त्रिलोचन ओम नमः शिव शंकर बोलें
सर्प गले तन भस्म मले शशि शीश धरे करुणा रस घोलें,
भांग धतूर पियें रजके अरु भूत पिशाच नचावत डोलें
रूद्र उमापति दीन दयाल डरें सबहीं नयना जब खोलें

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1160

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 27, 2013 at 12:19pm

अहा आदरणीय गुरुदेव श्री आपसे बधाई पाकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है, आपने मेरा दिन बना दिया आदरणीय गुरुदेव श्री हार्दिक आभार आपका. आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखिये.

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 27, 2013 at 12:17pm

अनेक अनेक धन्यवाद आदरणीया सुशीला जी , भाई राम शिरोमणि पाठक जी ने कुछ बातें स्पष्ट कर दी हैं, इस छंद का विधान उदहारण सहित आपको यहाँ से मिल जायेगा. http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/x-7-2


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 26, 2013 at 6:08pm

शिव स्तुति और रचना प्रयास इस दोनों कार्य को सुन्दरता से साधने के क्रम में हुई इस छंद रचना के लिए हार्दिक बधाई, भाई अरुन अनन्तजी.

शुभ-शुभ

Comment by ram shiromani pathak on June 26, 2013 at 6:00pm

 

आदि अनादि अनन्त त्रिलोचन ओम नमः शिव शंकर बोलें
२१     १२१      १२१      १२११     २१   १२   ११   २११    २२    =मात्रा क्रम 

मत्तगयंद सवैया का एक पद (पंक्ति) = भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गुरु गुरु =२११ २११ २११ २११ २११ २११ २११ २२
एक भानस = 3 वर्ण, तो सात भानस = 21 वर्ण और पीछे से दो गुरु गुरु वर्ण यानि कुल वर्णों की संख्या हुई, 21 + 2 = 23.

बाकी जानकारी के लिए आदरणीय सुशीला जी  आप छंद विधान ग्रुप ज्वाइन कर ले //सादर

Comment by sushila shivran on June 26, 2013 at 5:46pm

शिवोपासना  में भाव-सौन्दर्य लुभाता है। छंद का ज्ञान नहीं अत: उस पर टिप्पणी करने में असमर्थ। 
अरूण जी बधाई और कृपया छंद पर प्रकाश डालें।

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 26, 2013 at 3:23pm

धन्यवाद अनुज राम शिरोमणि पाठक जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 26, 2013 at 3:23pm

शुक्रिया आदरणीया सरिता जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 26, 2013 at 3:23pm

हार्दिक आभार आदरणीया गीतिका वेदिका जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 26, 2013 at 3:22pm

अनेक अनेक धन्यवाद आदरणीया शालिनी जी

Comment by ram shiromani pathak on June 26, 2013 at 12:36pm

वाह आदरणीय भाई अरुण जी  सुन्दरत शिव स्तुति //मेरे इष्ट देव है शिव //तो आनंद कई गुना बढ़ गया//हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  ढीली मन की गाँठ को, कुछ तो रखना सीख।जब  चाहो  तब …"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"भाई शिज्जू जी, क्या ही कमाल के अश’आर निकाले हैं आपने. वाह वाह ...  किस एक की बात करूँ…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके अभ्यास और इस हेतु लगन चकित करता है.  अच्छी गजल हुई है. इसे…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service