For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ना उनके हो सके हम वो मेरे हो न पाये(गज़ल)

जिस ख्वाब की बदौलत ताउम्र सो न पाये

ना उनके हो सके हम वो मेरे हो न पाये

 

बादल ने पलकें भींची मौसम के आंसू छलके

पर सुर्ख दग्ध धरती के दाग धो न पाये

 

पैग़ाम दे गया वो सरहद पे मरते- मरते

कुर्बानियो पे मेरी आँखें भिगो न पाये

 

चाहा भले सभी ने बरबाद मुझको करना

सरसब्ज़  हसरतों की कश्ती डुबो न पाये

 

कुदरत को जालिमो ने इस तरह से सताया

ना हँस  सके परिन्दे अब्रपार रो न पाये

 

 

मायूस तू न होना किस्मत पे रख भरोसा

इक रोज़ पा सकेगा इस बार जो न पाये

 

तू मुझको जिंदगी दे या फिर मुझे कज़ा दे

परवर दिगार मेरा ईमान खो न पाये

********************************

'राज'

Views: 648

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 31, 2013 at 11:49am

प्रिय अरुन शर्मा आपको गज़ल पसंद आई तहे दिल से शुक्रिया|

Comment by अरुन 'अनन्त' on March 31, 2013 at 11:25am

आदरणीया सादर प्रणाम, लाजवाब अशआरों से सुसज्जित उम्दा ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई के साथ साथ ढेरों दाद कुबूल फरमाएं.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 31, 2013 at 11:12am

आदरणीय सौरभ जी आपकी प्रतिक्रिया सर आँखों पर कोई भी अशआर आपके दिल को छू सका ये मेरी कलम के लिए फख्र की बात है तहे दिल से शुक्रिया| 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 31, 2013 at 11:03am

आदरणीया राजश कुमारीजी,  आपकी ग़ज़ल बड़े कैनवास की हक़दार है. सभी अश’आर छू गये.

फिर भी मझे जाने क्यों बार-बार लगता है इस ग़ज़ल को थोड़ा और पगना था.

चाहा भले सभी ने बरबाद मुझको करना
सरसब्ज़ हसरतों की कश्ती डुबो न पाये.. . दिल के बहुत करीब हुआ है यह शेर.

एक बेहतर कोशिश पर ढेर सारी दाद कुबूल फ़रमायें.

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 31, 2013 at 10:53am

आदरणीय लक्ष्मण जी आपको गज़ल अच्छी लगी तहे दिल से आभारी हूँ |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 31, 2013 at 10:45am

उम्दा गजल के लिए बधाई ख़ास तौर से ये शेर बहुत भाया -

तू मुझको जिंदगी दे या फिर मुझे कज़ा दे

परवर दिगार मेरा ईमान खो न पाये


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 31, 2013 at 9:01am

श्री राम जी तहे दिल से शुक्रिया|

Comment by श्रीराम on March 31, 2013 at 8:57am
सुंदर प्रस्तुति ... बहुत-बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
32 seconds ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"कैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास ।  .. क्या-क्यों-कैसे सोच कर, यदि हो…"
4 minutes ago
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
8 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service