For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : ईलाज / गणेश जी बागी

लघुकथा : ईलाज
                  न दिनों मेरी नियुक्ति सुदूर जिले में थी । घर पर छुट्टियाँ बिता कर वापस ड्यूटी पर जा रहा था । आने जाने हेतु एकमात्र साधन ट्रेन ही थी । छोटी लाइन की पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करनी पड़ती थी । जाड़े का मौसम था । रात 11 वाली पैसेंजर ट्रेन मिली थी । भीड़ बहुत थी लेकिन बैठने का स्थान मिल गया था । ट्रेन सभी स्टेशनों पर रूकती हुई चल रही थी । चढ़ने वालों की अपेक्षा उतरने वाले स्थानीय यात्रियों की संख्या अधिक थी । रात एक बजते - बजते अधिकतर स्थानीय यात्री उतर चुके थे । जिन यात्रियों को जगह मिल जाती । वो कम्बल ओढ़ कर सो जाते । 


                 मेरे सामने की सीट पर एक युवती और एक अधेड़ उम्र के पुरुष बैठे हुए थे तथा मेरी सीट पर भी मेरे इलावा एक सहयात्री बैठा था । ऊपर की सीट पर भी दो लोग सोये थे । युवती अपने बगल के यात्री से बोली, "अंकल आप किनारे होकर बैठें तो मैं जरा लेट लूँ ।"  और वो कम्बल शरीर पर डाल कर लेट गयी । ऊपर की सीट से एक यात्री के उतरते ही मैं भी ऊपर की सीट पर जाकर लेट गया। मेरा गंतव्य सुबह सात से पहले नहीं आने वाला था अतः मैं आँख बंद सोने का प्रयास करने लगा । कब नींद लग गयी पता ही नहीं चला ।

                "चटाक" की तेज आवाज के साथ मेरी नींद खुल गई । हड़बड़ा कर उठा तो देखा युवती के बगल में बैठा यात्री दूसरी तरफ तेजी से भागा जा रहा था.. और युवती तमतमायी हुई खड़ी थी । मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया कि आखिर हुआ क्या। 
मैं पूछ बैठा, "बहन जी क्या हुआ ?" 
"कुछ नहीं भाई साहब, आप सोइये, अंकल के पेट में दर्द हो रहा था, मैंने दवा दे दी है ।"
 

Views: 1145

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on March 2, 2013 at 8:01am

 "चटाक""कुछ नहीं भाई साहब, आप सोइये, अंकल के पेट में दर्द हो रहा था, मैं दवा दे दी हूँ ।" acchi ''laghu katha'' thi  padte padhte hansi aa gai  vah ''bagi'' ji kya davai pilvai hai .........

Comment by pawan amba on March 2, 2013 at 5:44am

asardaar ilaaj

Comment by Rekha Joshi on March 1, 2013 at 11:58pm

आदरणीय बागी जी ,समाज के ऐसे लोगों का ईलाज ऐसी ही दवा से होना चाहिए ,बढ़िया लघु कथा पर हार्दिक बधाई .

Comment by बृजेश नीरज on March 1, 2013 at 11:26pm

आदरणीय बिना कहे सब कुछ कह देने की कला भी आपसे सीखनी होगी। अप्रतिम! मेरी बधाई स्वीकारें।

Comment by नादिर ख़ान on March 1, 2013 at 11:24pm

बड़ी असरदार दवा थी ...

सही समय पर दवा न दी जाए तो मर्ज बढ़ने लगता है 

बागी जी लघु कथा के माध्यम से आपने इलाज़ भी बता दिया क्या कहने ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service