For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चली राम की सेना रावण का दंभ मिटाने !

विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !


धर्म पताका फहराने , पापी को सबक सिखाने ,

चली राम की सेना रावण का दंभ मिटाने !

हर हर हर हर महादेव !

 

रावण के अनाचारों से डरकर  वसुधा है डोली ,

दुष्ट ने ऋषियों के प्राणों से खेली खून की होली ,

सत्यमेव जयते की ज्योति त्रिलोकों में जगाने !

चली राम की सेना ........................

हर हर हर हर महादेव !

 

तीन लोक में रावण के आतंक का बजता डंका ,

कैसे मिटेगा भय रावण का देवों को आशंका ?

मायावी की माया से सबको मुक्ति दिलवाने !

चली राम की सेना ........................

हर हर हर हर महादेव !

 

जिस रावण ने छल से हर ली पंचवटी से सीता ,

शीश कटे उस रावण का , करें राम ये कर्म पुनीता ,

पतिव्रता नारी को खोया सम्मान दिलाने !

चली राम की सेना ......

हर हर हर हर महादेव !

 

एकोअहम के दर्प में जिसने त्राहि त्राहि मचाई ,

उस रावण का बनकर काल आज चले रघुराई ,

निशिचरहीन करूंगा धरती अपना वचन निभाने !   

चली राम की सेना .....................

हर हर हर हर महादेव !

 

                                                   शिखा कौशिक 'नूतन' 

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vinita Shukla on October 26, 2012 at 11:36am

सुन्दर, ओजपूर्ण अभिव्यक्ति. एक सार्थक, समसामयिक रचना. बधाई.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 25, 2012 at 10:33am

शिखा जी बहुत सुन्दर प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी हार्दिक बधाई आपको और विजय दशमी पर्व  की शुभकामनाएं 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 24, 2012 at 9:52am

शिखा जी, आपकी रचनायें सदैव ही गूढ़ संदेशों से ओत प्रोत होती हैं, यह रचना भी उससे इत्तर नहीं है, बहुत ही सामयिक और ससक्त प्रस्तुति है, इस शानदार अभिव्यक्ति पर बधाई और विजय पर्व की अनेकानेक शुभकामनायें स्वीकार हो |

Comment by shalini kaushik on October 23, 2012 at 11:39pm
बहुत सामयिक व् शानदार प्रस्तुति .आपको भी विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service